भोपाल : एक बार फिर उमा भारती की अपनी पार्टी को लेकर नाराजगी छलकी है। जनआशीर्वाद यात्रा में न बुलाए जाने को लेकर उन्होने नाराजगी जताई है। इसी के साथ कहा है कि अब अगर उन्हें बुलावा आता है, तो भी वे नहीं जाएंगीं। उन्होने कहा कि निमंत्रण न मिलने से उनके कद पर कोई असर नहीे पड़ेगा लेकिन अब वो 25 सितंबर को इसके समापन कार्यक्रम के अवसर पर भी शामिल नहीं होंगीं। बता दे की बीजेपी प्रदेश में पांच जनआशीर्वाद यात्राएं निकाल रही हैं जिनका आरंभ 3 सितंबर से हुआ है और पच्चीस सितंबर को इसका पांचों यात्राओं का समागम भोपाल में होने वाले कार्यकर्ता महाकुंभ में होगा। संभावना है कि इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी भी शरीक होंगे।
उमा भारती ने कही ये बात
उमा भारती ने आज ट्वीट करते हुए कहा कि “कल दिनांक 3 सितंबर 2023 की तीन बाते बहुत चर्चा में आ गई थी । उम्मीदवारों की सूची, जिसपर मैंने कल रात को ही ट्वीट कर वस्तुस्थिति बता दी । मुझे जन आशीर्वाद यात्रा के प्रारंभ में निमंत्रण नहीं मिला यह सच्चाई है कि ऐसा मैंने कहा है लेकिन निमंत्रण मिलने या ना मिलने से मैं कम ज्यादा नहीं हो जाती । हाँ अब यदि मुझे निमंत्रण दिया गया तो मैं कही नहीं जाऊँगी । ना प्रारंभ में ना 25 सितंबर के समापन समारोह में।”
उन्होने कहा कि “मेरे मन में शिवराज जी के प्रति सम्मान एवं उनके मन में मेरे प्रति स्नेह की डोर अटूट और मज़बूत है। शिवराज जी जब और जहाँ मुझे चुनाव प्रचार करने के लिए कहेंगे मैं उनका मान रखते हुए उनकी बात मानकर चुनाव प्रचार कर सकती हूँ। जिनके खून पसीने से यह भाजपा बनी है मैं उन लोगों में से हूँ । पार्टी का कभी नुक़सान नहीं करूँगी। मेरी वह तीसरी बात जो मैंने कल कही यह किसी ठेस या आक्रोश से नहीं निकली। जब भोपाल के बंसल अस्पताल में मेरे चेकअप हुए और तब मैंने सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों में जमीन-आसमान का अंतर पाया तथा सरकारी एवं निजी शिक्षा में भी यही अंतर है और तभी से मैंने कहना शुरू किया। हम सब नेताओं को, विधायकों, सांसदों, मंत्रियों ,मुख्यमंत्रीओं एवं सभी अधिकारियों को सरकारी अस्पताल में इलाज कराना चाहिये एवं सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ने को भेजना चाहिये । तभी इन व्यवस्थाओं में सुधार हो पायेगा । यह एक अभियान का स्वरूप ले लेगा। शादियों की फ़िज़ूल खर्ची और हमारे नेताओं का 5 स्टार होटलों में रुकना इसको मैं शुरू से ही ग़लत मानती हूँ । मोदी जी भी इस तरह की जीवनशैली को सख़्त नापसंद करते है । मैं आगे भी यह बातें कहती रहूँगी । हम गाँधी जी, दीनदयाल जी एवं मोदी जी की सीखों की अनदेखी नहीं कर सकते।”