जबलपुर : मध्यप्रदेश के सीधी जिले में एक आदिवासी व्यक्ति पर पेशाब करने के आरोपी प्रवेश शुक्ला पर रासुका लगाया गया है। इसके खिलाफ आरोपी की पत्नी ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई थी। सोमवार को इस पर सुनवाई हुई है। इसके बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह में जवाब देने को कहा है। प्रवेश शुक्ला अभी एनएसए के तहत रीवा सेंट्रल जेल में बंद है।
मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ और न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की पीठ ने राज्य सरकार और सीधी के कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। मामले की अगली सुनवाई के लिए एक अगस्त की तारीख निर्धारित की। आरोपी प्रवेश शुक्ला की पत्नी कंचन शुक्ला की ओर से रिट याचिका दायर की गई थी। उसमें कहा गया है कि उनके पति के खिलाफ गलत तरीके से रासुका लगाया गया है।
आदिवासी व्यक्ति पर पेशाब करने का वीडियो चार जुलाई को वायरल होने के बाद शुक्ला को अगले दिन गिरफ्तार कर लिया गया था। कंचन शुक्ला की याचिका में कहा गया है कि प्रवेश शुक्ला एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ता हैं। विपक्ष ने उनके खिलाफ माहौल तैयार किया और कहानी बनाई। उन्होंने यह भी दलील दी है कि उनके पति ने अतीत में कुछ छोटे-मोटे अपराधों को छोड़कर कोई गंभीर अपराध नहीं किया है।
कंचन शुक्ला ने अपनी याचिका में कहा कि प्रवेश शुक्ला पर जिस अपराध का आरोप लगाया गया है, उसके लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम में प्रावधान उपलब्ध हैं। याचिका में कहा गया है कि पांच जुलाई को लगाया गया रासुका संविधान के अनुच्छेद 21 के खिलाफ है। अनुच्छेद 21 के अनुसार कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अलावा किसी भी व्यक्ति को उसके जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाएगा।
गौरतलब है कि वीडियो सामने आने के बाद सीधी पुलिस ने प्रवेश शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद उसे रीवा सेंट्रल जेल में भेज दिया गया है। साथ ही राज्य सरकार ने उसके घर पर बुलडोजर चलवा दिया था। इसका भी विरोध हो रहा है।