भोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा बयान दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की बैठक में सीएम ने कहा कि भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए मध्य प्रदेश 550 अरब डॉलर का योगदान देगा।
सीएम ने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत के निर्माण में नीति आयोग की बड़ी भूमिका है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नीति आयोग राज्यों की शक्ति कैसे बना, इसका ज्वलंत उदाहरण मध्य प्रदेश है। उन्होंने बताया कि आत्मयनिर्भर मध्य प्रदेश का रोडमैप 2020 में तैयार किया गया था।
राज्य ने वर्ष 2021-22 में 19.74 प्रतिशत की विकास दर हासिल की है। राज्य सकल घरेलू उत्पाद का चार प्रतिशत पूंजीगत व्यय कर रहा है और वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए पूंजीगत व्यय के लिए 48,800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो अब तक का सबसे अधिक है।
उन्होंने कहा कि रोजगार हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है और अगले एक साल में लाख सरकारी पदों पर भर्तियां की जाएंगी। उन्होंने कहा कि लाभार्थी प्रधान योजनाओं में शत-प्रतिशत संतृप्ति के लिए विशेष अभियान चलाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि फसल विविधीकरण दृष्टिकोण से प्रेरणा लेते हुए राज्य में सरसों और ग्रीष्म मूंग के रकबे में वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में गेहूँ और धान के स्थान पर कृषि विविधीकरण प्रोत्साहन योजना के माध्यम से दलहन, रागी जौ, मोटा अनाज, कोदो-कुटकी, रामतिल, तिल, मसाले, औषधीय फसलें, फल-सब्जी के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
चौहान ने कृषि में आधुनिक तकनीक के प्रयोग की जानकारी देते हुए कहा कि फसल बीमा पंजीकरण को प्रदेश के भू-अभिलेखों से जोड़ा गया है, जिससे बीमा की अति एवं नकल रोकने में सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि कृषि में आधुनिक तकनीक के प्रयोग की जानकारी देते हुए कहा कि फसल बीमा पंजीकरण को प्रदेश के भू-अभिलेखों से जोड़ा गया है, जिससे बीमा की अति एवं नकल रोकने में सफलता मिली है। साथ ही बीमा भुगतानों में उपज के आकलन के लिए उपग्रह आधारित सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है। प्रौद्योगिकी के इन प्रभावी उपयोगों से कृषि क्षेत्र में लगभग 2500 करोड़ रुपये की बचत संभव है।
उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर चर्चा करते हुए कहा कि वर्ष 2021 के राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में मध्यप्रदेश एक बड़ी छलांग लगाकर देश में पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। मुख्यमंत्री ने नगरीय निकायों के वित्तीय प्रबंधन की जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश में करीब 600 करोड़ रुपये की अप्रयुक्त संपत्तियों की पहचान कर उनका मुद्रीकरण किया गया है। सभी शहरों में जीआईएस और अन्य तकनीकों का उपयोग कर विकास योजना तैयार की जा रही है और पीएम गतिशक्ति में मल्टी मोडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम और लॉजिस्टिक हब तैयार करने का काम भी शुरू कर दिया गया है।