इंदौर: मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग ने पिछले चार सालों में परीक्षा आयोजित करने में 68.46 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, लेकिन उनमें से एक का भी अंतिम परिणाम जारी नहीं कर सका है। इसकी वजह से किसी को नौकरी नहीं मिली है। आयोग ने ये करोड़ों रुपये 2018-19 और 2011-22 के बीच परीक्षा आयोजित करने और संबंधित प्रशिक्षण पर खर्च किए हैं। यह जानकारी आयोग ने एक आरटीआई के जवाब में दिया है। आयोग ने इस दौरान 10 भर्ती परीक्षाएं आयोजित कीं, इनमें 1400 पदों के लिए 7.54 लाख अधिक उम्मीदवारों को बीच प्रतिस्पर्धा थी। यह आंकड़े आयोग के हैं।
दरअसल, एमपीपीएससी ओबीसी आरक्षण मुद्दे सहित मुकदमेबाजी के कारण इनमें से किसी भी भर्ती परीक्षा का अंतिम परिणाम जारी नहीं कर सका। इसकी गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एमपी उच्च न्यायालय ने चार महीने पहले आयोग को 2019 के पूर्व-परिणामों को संशोधित करने का निर्देश दिया था लेकिन उसने ओबीसी मुद्दे पर फैसले का इंतजार करने का फैसला था।
इन कानूनी अड़चनों के बावजूद, पीएससी-2020 की मुख्य परीक्षा हाल ही में अनारक्षित श्रेणी को 40 फीसदी और ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देकर पूर्व परीक्षा परिणामों में दोनों को अधिकतम 27 फीसदी आरक्षण देकर आयोजित की गई थी। इससे कुल आरक्षण 113 फीसदी तक जा रहा था। एमपी हाईकोर्ट से इस फॉर्म्युले को खारिज कर दिया। राज्य इंजीनियरिंग सेवा, दंत चिकित्सक, सहायक निदेशक (सामाजिक न्याय), सहायक प्रबंधक (सार्वजनकि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण) और सहायक निदेशक (कृषि विभाग) जैसी अन्य परीक्षाएं भी इसकी वजह से अटकी हुई हैं।
एमपीपीएससी के ओएसडी आर पंचभाई ने कहा कि 2019 से अब तक हुई परीक्षाएं ओबीसी आरक्षण के मुद्दे के कारण विभिन्न चरणों में अटकी हुई हैं। कुछ परीक्षाओं में इंटरव्यू आयोजित किए गए हैं और अंतिम परिणाम प्रतिक्षित हैं, अन्य मध्यवर्ती चरणों में हैं। आयोग ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर फैसले का इंतजार करेगा क्योंकि ये बहुस्तरीय परीक्षाए हैं।
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग ने 2022 में 283 पदों के लिए पीएससी-2021 परीक्षा आयोजित की थी, जिसके लिए 3.55 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन दिया था। पिछले दो वर्षों की पीएससी भर्तियों को मंजूरी मिलने और अंतिम परिणाम जारी होने तक यह भर्ती अभियान भी अधर में रहेगा। आयोग के रेकॉर्ड से यह भी पता चलता है कि उन्होंने चार वर्षों में उन विज्ञापनों के प्रकाशन के माध्यम से लगभग 28 करोड़ रुपये कमाए।