अविश्वास प्रस्ताव पर नरोत्तम के तीर, कमलनाथ को सुनाई गोविंद की बड़ाई…

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र समाप्त हो गया है और कांग्रेस द्वारा शिवराज सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर चुका है। लेकिन ये सत्र इस कारण से चर्चाओं में है कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ही सदन में मौजूद नहीं थे।वहीं दूसरे दिन सीएम शिवराज सिंह चौहान विपक्ष के आरोप पर जवाब दे रहे थे, तभी भी कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह सदन में उपस्थित नहीं थे। इसे लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर तंज किया है।

नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि ‘इस पवित्र सदन का उपयोग अपने पाप के लिए कोई व्यक्ति कैसे करता है, ये नज़ारा कल देखने को मिला। कोई व्यक्ति अपने हितों के लिए कैसे पार्टी को गर्त में ले जाता है, ये भी कल सदन में देखने को मिला। बड़ी विचित्र स्थिति थी सदन की कल। सरपंच और उप सरपंच दोनों गायब थे, गांव लूटने की होड़ कोई तीसरा ही कर रहा था। श्रेय लूटने की होड़ कर रहा था। बिना ड्राइवर और कंडक्टर के गाड़ी चल रही थी कल अविश्वास की। इनके पार्टी के अध्यक्ष कमलनाथ जी कहते हैं कि सदन में भाजपा की बकवास सुनने नहीं जाता हूं। कल हमने देखा कांग्रेस का अविश्वास था उसी को उन्होने बकवास मान लिया, सुनने ही नहीं आए। कल कांग्रेसियों में होड़ थी कौन कितना झूठ बोल सकता है।’ गृहमंत्री ने कहा कि कमलनाथ जी का एक बयान टीवी पर बहुत चला था कि मैं विधानसभा में बीजेपी की बकवास सुनने जाऊं। अब वो कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को ही सुनने नहीं आए हैं, इससे सिद्ध होता है कि प्रस्ताव ही बकवास था।

नेता प्रतिपक्ष के प्रति जताई सहानुभूति

गृहमंत्री ने अविश्वास प्रस्ताव को नीरच,तथ्यहीन और आधारहीन बताते हुए कहा कि तर्कहीन अविश्वास प्रस्ताव कभी भी सदन में नहीं आया। वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में विपक्ष की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई। उन्होने कहा कि सदन में नेता प्रतिपक्ष को अलग-थलग करने में कमलनाथ जी का गुट कामयाब रहा। नरोत्तम मिश्रा ने गोविंद सिंह के प्रति सहानुभूति जताते हुए ये भी कहा कि ‘मुझे आज तक समझ नहीं आया कि गोविंद सिंह का कसूर क्या था। उनका पूरा गुट विधानसभा के अंदर फेल करने पर उतारु था। गोविंद सिंह जी का कसूर मुझे इतना समझ में आया कि वो दिल्ली दरबारी नहीं थे। न ही वो सोनिया जी के तीसरे बेटे थे, न ही वो पेज थ्री कल्चर को जीने वाले थे। एक किसान का बेटा था, गांव से राजनीति करता हुआ अपनी राजनीतिक तपस्या से लगातार सन 90 से अजेय जीतता हुआ आ रहा था। आपके गुट ने तो ठाकुर के हाथ ही काट दिए।’ बीजेपी अब इस बात पर कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर रही है और राजनीतिक गलियारों में भी ये चर्चा का विषय बना हुआ है कि सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और उत्तर के दौरान आखिर पूर्व सीएम और पीसीसी चीफ कमलनाथ उपस्थित क्यों नहीं थे। इसे लेकर एक बार फिर कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी की चर्चाएं ज़ोरों पर हैं।

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