इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर स्थित देवगुराड़िया मंदिर काफी प्राचीन धर्म स्थलों में से एक है। यहां हर साल सावन के महीने में भक्तों का सैलाब देखने को मिलता है। देवगुराड़िया के इस गुटकेश्वर महादेव मंदिर की काफी ज्यादा मान्यता है। कहा जाता है कि यहां स्वयंभू शिवलिंग है।
इंदौर के देवगुराड़िया का यह मंदिर प्राचीन धर्म स्थलों में गिना जाता है। यह मंदिर हजारों वर्ष पुराना है। मान्यताओं के अनुसार, हर वर्ष सावन और भादो के महीने में देवगुराड़िया पर्वत से आ रही जल की पवित्र धारा मंदिर में स्थित भगवान गुप्तेश्वर महादेव का जल अभिषेक करती है।
सबसे खास बात यह है कि जल की यह धारा शिवलिंग के ऊपर बनी गोमुख आकृति से आती है। गोमुख आकृति से निकले इस पवित्र जल से ही भगवान महादेव का जलाभिषेक होता है। इस साल ही भी ये अद्भुत नजारा देखने को मिला है। भादो माह में ही भगवन गुटकेश्वर महादेव का जल अभिषेक गोमुख आकृति से हो रहा है। इसका एक वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में अद्भुत नजारा देख सकते हैं।
आपको बता दे, देवगुराड़िया के इस गुटकेश्वर महादेव मंदिर में भोलेनाथ के जलाभिषेक का ये अद्भुत नजारा देखने के लिए दूर दूर से भक्त यहां आते हैं। प्राचीन समय से ही महादेव का ऐसा जल अभिषेक होता आ रहा है। यहां सावन के महीने में भी भक्तों की काफी ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है। इतना ही नहीं यहां महाशिवरात्रि के दौरान इस मंदिर में विशाल मेला भी लगता है। जिसमें हजारों भक्त शिरकत करते हैं।
इस मंदिर का जीर्णोद्धार इंदौर शहर की महारानी पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी की है। इस मंदिर मंदिर की स्थापना हजारों वर्ष पहले की गई थी। इंदौर बायपास से एनएच 59 बैतूल मार्ग पर ये मंदिर स्थित है। मान्यताओं के मुताबिक, यहां गरुड़ ने यहां कठिन तपस्या की थी। जिसके बाद यहां शिव जी प्रकट हुए। उसके बाद शिवलिंग के रूप में यही रह गए।