भोपाल : मध्य प्रदेश में अब नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र यानी एनओसी को लेकर नई व्यवस्था लागू की गई है। इस व्यवस्था के तहत 2023 से अब यह प्रमाण पत्र नहीं दिया जाएगा। जनता द्वारा किए जाने वाले आवेदन की प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से शासन ने यह निर्णय लिया है। नए नियमों के तहत अब नजूल अधिकारी भूमियों से संबंधित जानकारी नगरीय निकायों, ग्राम एवं नगर संचालनालय को उपलब्ध करवाएंगे। इसी जानकारी के आधार पर नक्शे, निर्माण और लेआउट की स्वीकृति दी जाएगी। अनापत्ति प्रमाण पत्र अलग से जारी नहीं किया जाएगा, इसके लिए सभी जिले के कलेक्टर को निर्देश जारी कर दिए है।
नई व्यवस्था के तहत नजूल अधिकारी अपने क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली समस्त नजूल भूमि से संबंधित सारा विवरण स्थानीय निकाय और टीएंडसीपी अधिकारियों को 1 महीने के अंदर भेजेंगे। भूमि की जानकारी मिलने के बाद व्यवस्था के आधार पर नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र वितरित किया जाएगा। यह जरूरी है कि अधिकारी 1 महीने के भीतर भूमि से संबंधित जानकारी उपलब्ध करवा दें। प्रमाण पत्र से जुड़े प्रकरणों को रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम पर दर्ज किया जाएगा और आदेश दिए जाने से एक महीने बाद यानी जनवरी 2023 से कोई भी प्रमाण पत्र जारी नहीं होंगे।
नई व्यवस्था शुरू होने के एक महीने बाद भी यदि किसी व्यक्ति को नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया जाता है तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध शासन के नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। भूमि के संबंध मे किसी विवरण की आवश्यकता होने पर संबंधित निकाय के अनुविभागीय अधिकारी, नजूल अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।