बेंगलुरु : कर्नाटक में कांग्रेस की नई सरकार ने शपथ ले ली है। सिद्धारमैया सीएम बने हैं डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम। कई कैबिनेट मंत्रियों ने भी बेंगलुरु के श्री कांतीरवा स्टेडियम में पद और गोपनीयता की शपथ ली। समारोह के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने समान विचारधारा वाले कई दलों के नेताओं को न्योता भेजा था। 2024 के लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ BJP से मुकाबले के लिए विपक्षी एकता की कोशिशें हो रही हैं। इस बीच ऐसे आयोजन को विपक्षी दलों के लिए शक्ति प्रदर्शन का मौका माना जा रहा था। हालांकि, मंच से विपक्ष के कई बड़े नाम गायब रहे।
तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी खुद नहीं आईं, प्रतिनिधि भेजा। ममता ने पिछले दिनों कांग्रेस को ‘जैसे को तैसा’ समर्थन की शर्त रखी थी। 80 लोकसभा सीटों वाले यूपी के प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी नहीं गए। बसपा प्रमुख मायावती भी नहीं पहुंचीं। शिवसेना उद्धव गुट के मुखिया उद्धव ठाकरे भी नहीं दिखे। कुल मिलाकर, विपक्षी एकता की दिशा में कांग्रेस का पहला बड़ा प्रयोग शायद उतना सफल नहीं रहा।
2018 vs 2023: कर्नाटक की दो तस्वीरें
2018 में एचडी कुमारस्वामी का शपथग्रहण समारोह भी विपक्षी एकता का मंच बना था। मंच पर सोनिया गांधी, राहुल गांधी, अजित सिंह, शरद पवार, तेजस्वी यादव, सीताराम येचुरी, मायावती, अखिलेश यादव, एन चंद्रबाबू नायडू, ममता बनर्जी जैसे दिग्गज विपक्षी नेता मौजूद थे। 2019 चुनाव से पहले आई उस तस्वीर ने नरेंद्र मोदी नीत बीजेपी सरकार के खिलाफ विपक्ष की एकता पर मुहर लगा दी थी। पांच साल बाद, सिद्धारमैया के शपथग्रहण समारोह में भी वैसा ही कुछ दोहराने की कोशिश थी, मगर हो न सका। इस बार कई दलों के बड़े नेता गायब रहे।
बेंगलुरु में आज किस-किसने उपस्थिति दर्ज कराई?
- एमके स्टालिन, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और DMK नेता
- नीतीश कुमार, बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू नेता
- तेजस्वी यादव, बिहार के डिप्टी सीएम और राजद नेता
- फारूक अब्दुल्ला, नैशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष
- शरद पवार, NCP अध्यक्ष
- महबूबा मुफ्ती, PDP प्रमुख
- सीताराम येचुरी, (CPI-M)
- कमल हासन, मक्कल नीधि माईम प्रमुख
- काकोली घोष, TMC नेता
- जयंत चौधरी, रालोद के नेता
- हेमंत सोरेन, जेएमएम
कर्नाटक में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए कांग्रेस ने 135 सीटें अपने नाम कीं, जबकि बीजेपी ने 66 सीटें जीतीं। शनिवार को शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस शासित राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शामिल हुए।
AAP, TDP समेत इनको न्योता ही नहीं
केरल के सीएम पिनराई विजयन को न्योता न मिलने से नाराजगी की बात सामने आई। इसके अलावा आप, बीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस, बीजेडी, एआईएडीएमके, बसपा, टीडीपी, एआईएमआईएम को भी न्योता नहीं गया।