नई दिल्ली : राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल कर दी गई है। मोदी सरनेम मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के तीन दिन बाद उनकी संसद सदस्यता बहाल करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। लोकसभा सचिवालय द्वारा इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसके बाद अब राहुल संसद की कार्यवाही में हिस्सा ले सकते हैं।
138वें दिन बहाल हुई संसद सदस्यता
बता दें कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाया था और कहा था कि उन्हें अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है। उन्हें कम सजा भी दी जा सकती थी। अगर राहुल को एक साल ग्यारह महीने की सजा दी गई होती तो वो संसद सदस्यता से अयोग्य नहीं ठहराए जाते। इसके बाद अदालत ने इस मामले पर अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने का निर्णय दिया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के तीन दिन बाद और कुल 137 दिन बाद अब उनकी संसद सदस्यता बहाल हो गई है।
राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होने के बाद कांग्रेस में खुशी का माहौल है। उसने ट्वीट करते हुए कहा है कि ‘राहुल गांधी जी की संसद सदस्यता बहाल हो गई। ये सत्य की जीत है, भारत के लोगों की जीत है। खुशी का पल।’ इस मौके पर जश्न मनाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़के अन्य नेताओं को मिठाई खिलाते नजर आए। उन्होने कहा कि ‘राहुल गांधी को सदस्यता बहाल करने का निर्णय स्वागत योग्य कदम है। यह भारत की जनता और विशेषकर वायनाड के लोगों के लिए राहत लेकर आया है। भाजपा और मोदी सरकार के कार्यकाल का जो भी समय बचा है, उसका उपयोग विपक्षी नेताओं को निशाना बनाकर लोकतंत्र को बदनाम करने के बजाय वास्तविक शासन पर ध्यान केंद्रित करके करना चाहिए।’
जानिए क्या है पूरा मामला
13 अप्रैल 2019 के आम चुनाव में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने ‘मोदी सरनेम’ पर टिप्पणी की थी। कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली में उन्होने कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है?’ उनके इस बयान को आपत्तिजनक मानते हुए गुजरात में बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था। सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च 2023 को राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी संसद सदस्यता रद्द हो गई थी। इस मानहानि केस में गुजरात हाईकोर्ट ने 7 जुलाई राहुल गांधी की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने कहा था कि निचली अदालत द्वारा उन्हें दोषी ठहराए जाने का फैसला उचित है और उस आदेश में हस्तक्षेप की कोई जरुरत नहीं है। कोर्ट ने कहा था कि राहुल गांधी के खिलाफ कम से कम 10 आपराधिक मामले लंबित है। इसके बाद राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और ‘मोदी उपनाम’ मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग की थी, जिसपर 4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने का फैसला दिया और उसके बाद आज उनकी संसद सदस्यता भी बहाल कर दी गई है।