नया मुकाम : मंडला जिले ने हासिल की बड़ी उपलब्धि, बना MP का 100% साक्षर जिला…

मंडला। जहां चाह वहां राह! 3 साल पूर्व धोखाधड़ी और ऑनलाइन ठगी के लिए बदनाम हो रहा मंडला जिला आज अपनी एक नई पहचान बना चुका है। कामयाबी की राह बेशक ही कठिन हो किंतु परिणाम निश्चित ही सुखद लेकर आती है। प्रदेश के मंडला जिले में 100% साक्षरता का खिताब अपने नाम किया है। स्वतंत्रता दिवस पर मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने जिले को 100% साक्षर जिला घोषित किया है।

3 साल का समय और 4500 वॉलिंटियर के साथ मंडला जिले के 176000 लोगों को शिक्षित बनाया गया है। अब यह लोग साक्षरता की श्रेणी में आते हैं। इससे पहले बैंकिंग और ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले में मंडला जिला हमेशा शीर्ष पर बना रहता था। दरअसल सबसे ज्यादा ठगी के शिकार निरक्षर लोग होते थे।

2020 में जिले में करीब 215000 लोग निरक्षर मिले। इनमें महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा थी। जिले की साक्षरता 67% के करीब थी। धोखाधड़ी और ऑनलाइन ठगी के कई मामले जनसुनवाई में आने के बाद कलेक्टर हर्षिता सिंह द्वारा इस मामले की जांच कराई गई। जिसमें पाया गया कि साक्षर नहीं होने के कारण कई लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। लोगों का कहना था कि उन्हें समझ में नहीं आता कि बैंक खाता कैसे चलाया जाता है।

इन परेशानियों के निराकरण के लिए और लोगों को ठगी से बचाने गांव में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं सहित वॉलिंटियर द्वारा घर-घर जाकर हस्ताक्षर करवाए गए। अंगूठा लगाने वाले लोगो की जानकारी चिन्हित करने के साथ ही बैंक और मनरेगा से ऐसे लोगों की जानकारी निकाली गई।

साथ ही इन लोगों को साक्षर करने के लिए निरक्षरता से आजादी अभियान चलाया गया। 15 अगस्त 2020 को इसकी घोषणा की गई थी। वहीं 615 शिक्षण केंद्र तैयार किया गया। जिसमें शिक्षक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित छात्र-छात्राओं की मदद के साथ 22000 लोगों ने अक्षर ज्ञान में हिस्सा लिया। जबकि पढ़ाने के लिए सिर्फ 4500 लोगों द्वारा ऑनलाइन रजिस्टर कराया गया था।।

2 साल की मशक्कत के बाद आज यह जिला शत प्रतिशत साक्षर जिला घोषित किया गया है। कलेक्टर हर्षिका सिंह के मुताबिक जिले में अभी 35 हजार 880 लोग निरक्षर हैं लेकिन यह व्यक्ति काफी उम्र दराज है या प्रवासी मजदूर है। वही मंडला जिले के प्रभारी मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने स्वतंत्रता दिवस के समारोह पर जिले को शत-प्रतिशत साक्षर होने की घोषणा की।

इन कार्यों में वॉलिंटियर्स के अलावा शिक्षक-आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहित एनआरएचएम की दीदी और गांव के युवाओं को साथ लाया गया। जिसका असर पंचायत और निकाय चुनाव में भी देखने को मिला। इस बार मंडला जिले के बेहद कम लोगों ने अंगूठे लगाए हैं। जिले की साक्षरता का फाइनल आंकड़ा प्राप्त करने थर्ड पार्टी सर्वे करवाया गया और अंत में परिणाम घोषित किए गए।

Leave a Reply