नई दिल्ली : 8 अगस्त से शुरू हुई तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति बैठक आज यानि 10 अगस्त को खत्म हुई है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने बैठक में लिये गए फैसलों की घोषणा कर दी है। लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता में आयोजित इस मीटिंग में 6 सदस्य शामिल थे। इस दौरान देश की अर्थव्यवस्था के जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई।
लगातार तीसरी बार रेपो रेट स्थिर
रेपो रेट में बदलाव का सीधा असर MCLR दरों पर होता है। लोन और भी महंगा हो जाता है। लगातार तीसरी बार आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। आखिरी बार फरवरी में वृद्धि की कई थी। वर्तमान में दरें 6.75% है।
महंगाई को लेकर आरबीआई गवर्नर ने कहा
वित्तीय वर्ष 2024 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान में वृद्धि की गई है। अनुमान को 5.1% से बढ़ाकर 5.4% कर दिया गया है। वहीं वर्ष 2024 के दूसरे तिमाही के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान को बढ़ाकर 6.2% कर दिया है। चौथी तिमाही के लिए पूर्वानुमान 5.2 फीसदी पर बरकरार है।
बैंकों के लिए निर्देश जारी
आरबीआई ने बैंकों को 10% की वृद्धिशील सीआरआर बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। केन्द्रीय बैंक के गवर्नर दास ने कहा, “बैंकों को 19 मई से 28 जुलाई के बीच 12 अगस्त से शुरू वाले पखवाड़े के बीच अपने NDTL में वृद्धि पर 10% की वृद्धिशील CRR बनाए रखनी होगी।”
यूपीआई लाइट के पेमेंट की सीमा बढ़ी
आरबीआई ने UPI Lite के लिए पेमेंट की सीमा को बढ़ा दिया है। आप यूजर्स बिना इंटरनेट के 200 रुपये की जगह 500 रुपये तक का लेनदेन कर पाएंगे।
2000 रुपये के नोट पर आरबीआई ने क्या कहा?
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि, “2000 रुपये के नोट वापस लेना एक अस्थायी उपाय है। देश में 2000 रुपये मूल्यवर्ग की पूरी निकासी हो जाने के बाद, सिस्टम में “पर्याप्त तरलता (Adequate Liquidity)’ होगी। साथ ही उन्होनें सितंबर से पहले 2000 रुपये के नोट बदलने की सलाह दी है।