भोपाल : मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय ने पन्ना के जिला कलेक्टर को फटकार लगाई है। न्यायालय ने कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा को फटकार लगाते हुए कहा कि वह कलेक्टर बनने के लायक नहीं हैं और राजनीतिक एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं।
बुधवार को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की खंडपीठ में परमानंद शर्मा द्वारा दायर एक मामले की हुई जो उपाध्यक्ष जनपद पंचायत, गुन्नौर, पन्ना के पद के लिए दावेदारी दे रहे था। इस पद के लिए चुनाव 27 जुलाई 2022 को हुआ था। परमानंद को जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा 25 में से 13 मत प्राप्त करने के बाद 1 मत से निर्वाचित घोषित किया गया। परमानंद को प्रमाण पत्र भी दिया गया था।
हालांकि हारे हुए उम्मीदवार भाजपा समर्थित राम शिरोमणि ने धारा 122 के तहत कलेक्टर के पास एक अपील दायर की। इस याचिका पर तत्काल सुनवाई करते हुए कलेक्टर मिश्रा ने पराजित प्रत्याशी को विजयी घोषित कर दिया और सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया। इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उच्च न्यायालय ने कलेक्टर को उनके पद के लिए अनुपयुक्त राजनीतिक एजेंट बताते हुए उन्हें नोटिस जारी किया।
कोर्ट के आदेश अनुसार कलेक्टर द्वारा प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं किया गया था। कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा ने सत्ता पक्ष के राजनीतिक एजेंट के रूप में कार्य किया। उन्होंने स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं किया और चुनाव आयोग को उन्हें जिला रिटर्निंग अधिकारी के पद से हटा देना चाहिए था। न्यायालय ने संजय कुमार मिश्रा को नाम से एक पक्षकार के रूप में पक्षकार बनाने का भी निर्देश दिया।
कांग्रेस ने दावा किया कि अधिकारियों ने मप्र निकाय चुनाव में कठपुतली की तरह काम किया है। कांग्रेस के अरुण यादव ने ट्विटर पर दावा किया कि नगरीय निकाय चुनाव के दौरान अधिकारी भाजपा सरकार की कठपुतली के रूप में काम कर रहे थे। “आज हाईकोर्ट ने पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा को फटकार लगाते हुए कहा कि पन्ना कलेक्टर ने सत्ता पक्ष के एजेंट की तरह काम किया, उन्हें पद से हटा दिया जाना चाहिए। कांग्रेस पार्टी लगातार इस बात की बात करती रही है कि कलेक्टर भाजपा सरकार की कठपुतली बनकर काम कर रहे हैं।