मुंबई : महाराष्ट्र की सियासत के ‘चाणक्य’ और राष्ट्रीय राजनीति में एक स्तंभ समझे जाने वाले NCP सुप्रीमो शरद पवार ने रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया है। आज दोपहर अचानक यह खबर आई तो न सिर्फ उस सभागार में बैठे पार्टी के नेता बल्कि देशभर के लोग हैरान रह गए। आज पवार की एक किताब का विमोचन हो रहा था। इस अवसर पर उन्होंने लोगों से रिटायरमेंट की बात कर दी तो हॉल में सभी खामोश हो गए। उनके शब्द सुनते ही एनसीपी के वरिष्ठ नेता स्टेज पर चढ़ गए और उन्हें मनाने की कोशिशें करने लगे। कई लोगों की आंखें नम हो गईं।
एनसीपी के नेताओं ने कहा कि पवार ही उनके नेता हैं। उन्हें पद नहीं छोड़ना चाहिए। एनसीपी के सभी बड़े चेहरे शरद पवार को मनाने की कोशिश करने लगा। नेताओं ने पवार से कहा कि आपने जो अभी कहा है, उसे वापस ले लीजिए। हॉल में सुप्रिया सुले भी मौजूद थीं। स्टेज पर इतनी भीड़ बढ़ गई कि पुलिस को बीच में आना पड़ा। लोगों ने यहां तक कहा कि 12.45 बजे जो बात कही थी, उसे वापस ले लीजिए। लोग हाथ जोड़ने लगे।
पवार बोले कि उनकी राजनीतिक यात्रा 1 मई 1960 से शुरू हुई थी और तकरीबन 63 साल हो गए हैं। इन अवधि में 56 साल तक वह लगातार सक्रिय राजनीति में रहे हैं चाहे वह विधानसभा, विधान परिषद, लोकसभा हो या राज्यसभा। उन्होंने खुद कहा कि करुणानिधि हों या अटल बिहारी वाजपेयी या आडवाणी के पास इतना लंबा अनुभव रहा है। हालांकि पवार का तीन साल का कार्यकाल अभी बाकी है, उसके बाद वह कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे।
इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मैंने आज से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद से रिटायर होने का फैसला किया है। पवार ने कहा कि मैंने फैसला लिया है कि अब ब्रेक लेने की जरूरत है। 2024 में लोकसभा और राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले इस फैसले के बड़े मायने निकाले जा रहे हैं।