महाअष्टमी के मौके पर उज्जैन में हुई नगर पूजा, देवी महामाया और महालया को लगाया गया मदिरा का भोग…

उज्जैन :  हर वर्ष नवरात्रि के मौके पर उज्जैन में नगर पूजा का आयोजन किया जाता है, जो नगर वासियों की सुख समृद्धि की कामना के साथ की जाती है। इस बार भी महा अष्टमी के मौके पर यह नजारा देखने को मिला जब अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और नवागत एसपी ने 24 खंबा स्थित देवी महामाया और महामाया को मदिरा का भोग लगाया और नगर पूजा प्रारंभ हुई।

ऐसी होती है नगर पूजन

महाअष्टमी के दिन अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव महंत रवींद्र पुरी और एसपी सचिन शर्मा चौबीस खंबा माता मंदिर पहुंचे और यहां पर दोनों माताओं का पूजन अर्चन किया। परंपरा का निर्वहन करते हुए माता को मदिरा का भोग लगाया गया और इसके बाद नगर पूजन प्रारंभ हुई

ऐसी है परंपरा

परंपरा के अनुसार देवी महामाया और महालाया की पूजन के पश्चात 27 किलोमीटर मार्ग में मदिरा को हांडी में डालकर धार लेकर चला जाता है और रास्ते में पड़ने वाले देवी और भैरव मंदिरों पर मदिरा अर्पित की जाती है।

इस दौरान नया ध्वज और चोला भी अर्पित किया जाता है सुबह से शुरू हुई यह पूजन रात 8 बजे अंकपत मार्ग स्थित हांडी फोड़ भैरव पर समाप्त होती है। पूरी यात्रा में बैंड बाजे के साथ भक्त माता के जयकारे लगाते हुए शामिल होते हैं। इस यात्रा के पश्चात 30 मार्च को बड़नगर रोड स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी में कन्या पूजन के साथ भंडारे का आयोजन किया जाएगा।

27 किलोमीटर की यात्रा में 40 मंदिरों का पूजन

चौबीस खंबा माता मंदिर में पूजन के पश्चात शासकीय दल नगर पूजन के लिए निकल चुका है। जिसमें ढोल धमाके के साथ सारे सदस्य 12 घंटे तक 27 किलोमीटर के दायरे में आने वाले भूखी माता मंदिर, चामुंडा माता मंदिर, काल भैरव, चंड मुंड नाशिनी समेत करीब 40 देवी और भैरव मंदिरों में मदिरा की धार चढ़ाएंगे।

इसी के साथ रास्ते में पड़ने वाले हनुमान मंदिरों में ध्वजा अर्पित की जाती है और रात 8 बजे गढ़कालिका माता मंदिर में पूजन के बाद पास में स्थित हांडी फोड़ भैरव पर यात्रा संपन्न होती है। इस दौरान बड़ी संख्या में नगरवासी इस यात्रा में शामिल होते हैं।

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