भोपाल : मप्र गृह निर्माण मंडल यानि एमपी हाउसिंग बोर्ड ने अपने स्वर्ण जयंती वर्ष की तैयारियां तेज कर दी हैं, मंडल अध्यक्ष ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि स्वर्ण जयंती वर्ष को यादगार बनायें, उधर मंडल आयुक्त ने अधीनस्थों को आदेश दिए हैं कि हर जिले के लिए कोई न कोई योजना प्रारंभ करें चाहे वो आवासीय हो, व्यवसायिक हो अथवा भूखंड आधारित योजना हो उसे मूर्त रूप प्रदान करें।
मध्य प्रदेश गृह निर्माण एवं अधो-संरचना मंडल के अध्यक्ष आशुतोष तिवारी ने शुक्रवार भोपाल मुख्यालय से मंडल के अधिकारियों के साथ विभागीय कार्यों की प्रगति की वर्चुअल समीक्षा की उन्होंने कहा कि सभी प्रोजेक्ट समय-सीमा में पूरा करने के संकल्प के साथ अपनी स्थापना के स्वर्ण जयंति वर्ष को यादगार रूप में मनाया जाये। उन्होंने कहा कि आवासीय योजना हो, री-डेंसीफिकेशन हो या अटल आश्रय योजना सभी के काम समय-सीमा में पूरा करें। काम समय पर पूरा नहीं होने से मंडल की साख तो प्रभावित होती ही है, साथ ही मटेरियल की कीमतों में भी वृद्धि हो जाती है। हमारी प्राथमिकता समय-सीमा में काम को पूरा करना होना चाहिए।
गृह निर्माण मंडल के आयुक्त चंद्रमौलि शुक्ल ने कहा कि सभी उपायुक्त मंडल की अतिक्रमित भूमि को चिन्हित करें एवं मुहिम चला कर अतिक्रमण से भूमि को मुक्त करायें। अतिक्रमण से मुक्त भूमि पर 15 दिन में योजना बना कर मुख्यालय भेजें। श्री शुक्ल ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महत्वाकांक्षी सुराज योजना में अतिक्रमणमुक्त भूमि पर गरीबों के लिए आवासीय योजना का प्रारूप तैयार करें। उन्होंने सभी उपायुक्त को सप्ताह में एक बार प्रोजेक्ट स्थल पर जाकर कार्य की समीक्षा करने और इंस्पेक्शन रिपोर्ट मुख्यालय भेजने के निर्देश दिये।
आयुक्त श्री शुक्ल ने कहा कि सभी संभागीय अधिकारी अपने अधीनस्थ जिलों में कलेक्टर्स से सम्पर्क कर आवासीय योजना के लिए भूमि सुनिश्चित करें। मंडल के प्रोजेक्ट सभी जिलों में प्रारंभ होना चाहिए। हर जिले के लिए कोई न कोई योजना प्रारंभ करें चाहे वो आवासीय हो, व्यवसायिक हो अथवा भूखंड आधारित योजना हो उसे मूर्त रूप प्रदान करें। उन्होंने कहा कि हमारा मूल काम आवासीय है और हमें उस पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। श्री शुक्ल ने सभी अधिकारियों से कहा कि इस स्वर्ण जयंती वर्ष में री-डेंसीफिकेशन को छोड़ कर एक बड़ा प्रोजेक्ट किसी जिले के लिए चिन्हित करें। कम से कम 200-200 करोड़ की योजनाएं बनाए। उन्होंने कहा कि अविकसित भूमि चिन्हित करें एवं उन पर शीघ्र योजना बना कर भेंजे। बैठक में मंडल की मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्रीमती बिदिशा मुखजी, अपर आयुक्त एस.के. मेहर, शैलेन्द्र वर्मा एवं बी.एल. सोलंकी सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।