भोपाल : मध्य प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए एमएसपी पर धान का उपार्जन जारी है । न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अभी तक 5 लाख 61 हजार 627 किसानों से 36 लाख 50 हजार 736 मीट्रिक टन धान की खरीदी उपार्जन केन्द्रों में हो चुकी है। धान की खरीदी के लिये 1393 उपार्जन केन्द्र बनाये गये हैं। धान का उपार्जन 23 जनवरी 2025 तक किया जायेगा।
इस बार धान कॉमन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2300 रूपये और धान ग्रेड-ए का 2320 रूपये है।किसानों की एफएक्यू गुणवत्ता की उपज इन्हीं दरों पर उपार्जित की जायेगी।
उपार्जन प्रत्येक सप्ताह के सोमवार से शुक्रवार तक होगा।समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के बाद भुगतान, कृषक पंजीयन के दौरान आधार नम्बर से लिंक बैंक खाते में किया जायेगा।किसानों के आधार लिंक्ड बैंक खातों में अभी तक 5005 करोड़ 21 लाख रूपये की राशि अंतरित कर दी गई है।
अब तक खरीदी गई 36 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान
- प्रदेश के बालाघाट में 4 लाख 79 हजार 736, सतना 3 लाख 65 हजार 232, कटनी 3 लाख 59 हजार 282, रीवा 3 लाख 16 हजार 182, जबलपुर 3 लाख 9 हजार 800, सिवनी 2 लाख 46 हजार 195, मण्डला 1 लाख 74 हजार 498, शहडोल 1 लाख 67 हजार 130, मैहर 1 लाख 44 हजार 414 मीट्रिक टन।
- नर्मदापुरम् 1 लाख 37 हजार 855, सिंगरौली 1 लाख 24 हजार 349, पन्ना 1 लाख 23 हजार 164, उमरिया 1 लाख 9 हजार 840, सीधी 1 लाख 4 हजार 139 ,अनूपपुर 83 हजार 107, मऊगंज 83 हजार 73, दमोह 72 हजार 128, नरसिंहपुर 66 हजार 952, डिंडोरी 53 हजार 393 मीट्रिक टन।
- रायसेन 36 हजार 617, बैतूल 36 हजार 59, सीहोर 29 हजार 809, सागर 14 हजार 192, छिन्दवाड़ा 9 हजार 581, भिंड 1325, विदिशा 1040, हरदा 960, शिवपुरी 542, मुरैना 68, अलीराजपुर 56 और झाबुआ जिले में 18 मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है।
किसानों को उपार्जित मूल्य की राशि समय पर मिले : सीएम
मुख्यमंत्री निवास समत्व भवन में एक बैठक में सीएम डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों से कहा कि किसानों को समय पर उपार्जित धान की राशि प्रदान की जाए। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अब तक साढ़े पांच लाख किसानों से अधिक किसानों से 36 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी जिलों में उपार्जन केन्द्रों पर संपन्न हो चुकी है। प्रदेश में लगभग 44 लाख मीट्रिक टन धान उपार्जन का अनुमान है। प्रदेश में धान का उपार्जन 23 जनवरी 2025 तक किया जा रहा है। किसानों के खाते में 5 हजार करोड़ रूपये से अधिक की राशि अंतरित की जा चुकी है।