पटना: बिहार एनडीए से बाहर निकलने के बाद नीतीश कुमार बीजेपी को एक और झटका दे सकते हैं। खबर है कि पशुपति कुमार पारस की पार्टी में बड़ी टूट हो सकती है। पशुपति पारस के 3 सांसद जेडीयू के संपर्क में हैं और कभी भी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को छोड़ सकते हैं। गौरतलब है कि 9 अगस्त को नीतीश कुमार ने एनडीए से अलग होकर महागठबंधन में शामिल हो गए। उन्होंने आरजेडी समते 6 दलों के समर्थन से बिहार में एक बार फिर सरकार बना ली। नीतीश कुमार 8वीं बार मुख्यमंत्री बने हैं, तो वहीं तेजस्वी यादव दूसरी बार बिहार के उप मुख्यमंत्री बने। ऐसे में अगर पशुपति पारस की पार्टी में टूट होती है तो बिहार एनडीए को बैक टू बैक डबल झटका लगेगा।
तीन सांसद कभी भी छोड़ सकते हैं पारस का साथ
एबीपी की रिपोर्ट के मुताबिक, पशुपति पारस के तीन सांसद कभी भी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को छोड़ सकते हैं और जेडीयू के साथ जा सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इस वक्त तीनो सांसद बिहार में ही हैं। बताया जा रहा है कि महबूब अली कैसर, चंदन सिंह, वीणा देवी इस वक्त बिहार में ही हैं। बताया जा रहा है कि खगड़िया सांसद महबूब अली कैसर की तबीयत खराब है और पटना स्थित अपने घर पर हैं। हालांकि ये पता नहीं चल सका है राजनीतिक तबीयत खराब है या…। वहीं, वैशाली सांसद वीणा देवी मुजफ्फरपुर में हैं। जबकि नवादा सांसद चंदन सिंह भी पटना में ही हैं। हालांकि तीनों अभी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
पारस की पार्टी के तीन सांसद
गौरतलब है कि पशुपति पारस की पार्टी के पांच सांसद हैं। खुद पशुपति पारस केंद्र में मंत्री हैं। भतीजे प्रिंस राज, जो समस्तीपुर से सांसद हैं, वे उनके साथ हैं। अगर महबूब अली कैसर, चंदन सिंह, वीणा देवी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी छोड़कर नीतीश की पार्टी जेडीयू के साथ चले जाते हैं तो पारस के साथ-साथ बिहार एनडीए को भी झटका लगेगा। ऐसे में बीजेपी की कोशिश होगी कि ये सभी सांसद पारस के साथ रहे।
वीणा देवी ने किया इनकार
इधर, मीडिया में खबर आने के बाद एनबीटी की टीम ने वीणा देवी से संपर्क कर और उनसे बात की। वीणा देवी ने कहा कि ऐसा कोई बात नहीं है, जो भी चल रहा है, वह गलत है इसमें कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा कि हम सभी पारस गुट के साथ हैं और अभी भी एनडीए में हैं। इधर. पार्टी सूत्रों ने बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पासर ने सभी सांसदों से बात की है। सभी सांसदों ने यह विश्वास दिलाया कि हम एकजुट हैं।
जेडीयू पर लगा था एलजेपी को तोड़ने का आरोप
गौरतलब है कि राम विलास पासवान की पार्टी एलजेपी को तोड़ने का आरोप जेडीयू पर ही लगता रहा है। आज भी चिराग पासवान कहते हैं कि नीतीश कुमार के इशारे पर ही उनकी पार्टी और परिवार में फूट पड़ी थी। ऐसे में अगर राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी टूटती है, तो साफ है पारस के साथ बिहार एनडीए को भी जोरदार झटका लगेगा।