भोपाल: मध्यप्रदेश में बीजेपी के नेताओं के स्वर अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर हो रहे हैं, खुलकर हमले बोले जा रहे हैं तो वहीं कांग्रेस चुटकी ले रही है। राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती लंबे अरसे से शराबबंदी को लेकर आंदोलन की राह पर हैं, उन्होंने राजधानी में जहां एक शराब दुकान पर पत्थरबाजी की थी तो वहीं ओरछा में शराब दुकान पर गोबर फेंका था। अब केन-बेतवा लिंक परियोजना को लेकर सवाल कर रही हैं।
उमा भारती के केन-बेतवा लिंक परियोजना को लेकर किए गए ट्वीट चर्चा में हैं। उन्होंने अपने इन ट्वीट के जरिए राज्य की सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यह योजना वैसी ही जमीन पर उतरना चाहिए। जैसे कि हमारे समय पर बनी थी। इस पर मेरी निगाह लगी है, मैं इस बारे में शिवराज सिंह चौहान से बात करती रहती हूं।
नारायण त्रिपाठी ने भी खोला मोर्चा
वहीं, दूसरी ओर मैहर से बीजेपी के विधायक नारायण त्रिपाठी ने नगरीय और पंचायत चुनाव में गड़बड़ी को लेकर सवाल उठाए। उनका कहना है कि अब तो चुनाव कराने ही नहीं चाहिए, जिस तरह सदन में हार की जीत हुई, उसी तरह का सिस्टम लागू कर देना चाहिए। अधिकारी और कर्मचारी दल विशेष का प्रचार कर रहे हैं। छोटे कर्मचारियों से लेकर बड़े अधिकारी तक बीजेपी को वोट दिलाते दिख रहे हैं। मेरा बीजेपी से विरोध नहीं है मैं बीजेपी का एमएलए हूं, लेकिन यह स्थिति अच्छी नहीं है इससे तकलीफ होती है इसे बंद होना चाहिए।
वहीं, उमा भारती के तल्ख तेवरों के अलावा नारायण त्रिपाठी के बयान को सत्ता और संगठन से जुड़े लोगों ने गंभीरता से लिया है। पार्टी के कुछ नेताओं को तो अब उमा भारती के बयान पर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया न देने और उनसे मेल मुलाकात न करने की भी हिदायत दी है।
दोनों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं
दरअसल, उमा भारती और नारायण त्रिपाठी पहली बार पार्टी और सरकार के खिलाफ नहीं बोल रहे हैं। दोनों लगातार विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। वहीं, पार्टी और सरकार दोनों पर खामोश है। अभी तक पार्टी की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसे में आए दिन दोनों अपने बयानों से शिवराज सरकार की मुश्किलें बढ़ाते रहते हैं।