जयपुर:केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को फोन टैपिंग मामले में कोर्ट से राहत मिल गई है। जयपुर की जिला अदालत ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है। निचली अदालत ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का वॉयस सैंपल लेने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था। शेखावत की ओर से हाजिर हुए अधिवक्ता वी आर बाजवा ने बताया कि एसीबी ने निचली अदालत के फैसले को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय में चुनौती दी। अदालत ने एजेंसी की याचिका को खारिज कर दिया।
वहीं मंत्री शेखावत ने एक बयान में कहा कि सरकार ने दबाव डालकर एसीबी से अपील करवाई। अतिरिक्त जिला न्यायालय ने वह अपील भी आज खारिज कर दी। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त भी जितने भी प्रकरण चल रहे हैं, उन सभी में उनकी जीत होगी।
2020 में राजस्थान सरकार पर आए संकट से जुड़ा है मामला
यह मामला 2020 में राजस्थान में राजनीतिक संकट से जुड़ा है, जब तत्कालीन मुख्य सचेतक महेश जोशी ने 10 जून 2020 को एसीबी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें कहा था कि राजस्थान में चुनी हुई लोकतांत्रिक सरकार को गिराने का प्रयास निर्दलीय विधायकों को प्रलोभन देकर किया जा रहा है। इस संबंध में जोशी ने एक पेन ड्राइव एसीबी को सौंपी थी। इस पेन ड्राइव में तत्कालीन विधायक और अब दिवंगत भंवरलाल शर्मा, संजय जैन और गजेन्द्र सिंह के बीच बातचीत बताई गई। इसमें इस बातचीत में तीनों कथित तौर पर सरकार गिराने और पैसे के लेन-देन की बात कर रहे हैं। बाद में एसीबी ने संजय जैन को गिरफ्तार कर लिया था।
मंत्री शेखावत की आवाज का नमूना लेने के लिए कोर्ट में लगाई थी याचिका
एसीबी ने अदालत से जैन की आवाज का नमूना लेने का आदेश के प्राप्त कर लिया, लेकिन जैन ने नमूना देने से इनकार कर दिया। बाद में जांच अधिकारी आलोक शर्मा ने केन्द्रीय मंत्री शेखावत की आवाज का नमूना लेने की इजाजत देने के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में याचिका लगाई। जयपुर महानगर मजिस्ट्रेट ने इसे खारिज कर दिया और आवाज का नमूना लेने की अनुमति नहीं दी। इस आदेश के खिलाफ एसीबी ने अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय में निगरानी याचिका लगाई थी।