जयपुर : राजस्थान कांग्रेस में घमासान थमता नहीं दिख रहा। लगातार जारी बयानबाजी के बीच ये साफ संकेत नजर आ रहे कि राज्य में उपचुनाव पूरे होने से पहले और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा यहां आने के दौरान पार्टी में फिर बवंडर हो सकता है। कुछ दिनों पहले सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत की तुलना गुलाम नबी आजाद से करके सियासी तंज कसे थे। फिर गहलोत ने भी पायलट को जवाब दिया था। विजय बैंसला की धमकी के बाद बैंसला और धर्मेंद्र राठौड़ की फोटो का वायरल होना अंदरूनी कलह को और हवा दे रही है। सबसे विचित्र नजारा तो सरदारशहर में देखने को मिला जब कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन के दौरान अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों ही गायब रहे। ये सब नजारे कांग्रेस की गुटबाजी और आपसी घमासान के बाहर आने के संकेत दे रही।
सरदारशहर उपचुनाव : कांग्रेस कैंडिडेट के नामांकन से गैरहाजिर रहे पायलट
पिछले चार साल में जितने भी उपचुनाव राजस्थान में हुए हैं। उस सब में कांग्रेस प्रत्याशियों के नामांकन के दौरान अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों मौजूद रहे हैं। जुलाई 2020 के बाद होने वाले सरदार शहर उपचुनाव के दौरान मनोज मेघवाल के नामांकन के दौरान गहलोत और पायलट दोनों मौजूद थे। पिछले साल हुए वल्लभ नगर और धरियावद में हुए चुनाव के दौरान भी गहलोत और पायलट एक ही हेलीकॉप्टर से नामांकन रैली में गए थे। हालांकि, इस बार कड़वाहट बाहर निकल कर आ गई है। टोंक दौरे से लौटने के बाद सचिन पायलट जयपुर आ गए लेकिन सरदारशहर नहीं गए। पायलट की गैरमौजूदगी सियासी चर्चाओं का विषय बन गई। लोग पूछ रहे हैं कि क्या सचिन पायलट फिर से बगावत करने जा रहे हैं।
राजस्थान कांग्रेस की आंतरिक कलह के बीच शुक्रवार 18 नवम्बर की शाम 5 बजे अशोक गहलोत दिल्ली पहुंच रहे हैं। रात्रि विश्राम दिल्ली में ही होगा और 19 नवम्बर को इंदिरा गांधी की जयंती के मौके पर होने वाले कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस दौरान अशोक गहलोत सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात करेंगे। राजस्थान के हालातों को लेकर पूरी चर्चाएं करने के आसार हैं। एआईसीसी की ओर से एडवाइजरी जारी की हुई है कि कांग्रेस का कोई भी नेता पार्टी विरोधी बयान नहीं देंगे। इसके बावजूद भी पायलट समर्थक विधायक लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। इन सभी गतिविधियों के बारे में कांग्रेस आलाकमान को रिपोर्ट पेश की जा सकती है।