सरदार पटेल की जयंती पर पीएम मोदी ने किया नमन, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पहुंचकर दी पुष्पांजलि, कही बड़ी बात…

नई दिल्ली : देश आज लौह पुरुष, देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को याद कर रहा है, सरदार पटेल की 148वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के केवड़िया स्थित विश्व की सबसे ऊँची सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी” पहुंचे और पुष्पांजलि अर्पित की, पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद मोदी ने एक सभा को भी संबोधित किया।

पीएम मोदी ने “राष्ट्रीय एकता दिवस” पर दिलाई शपथ

प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी गुजरात दौरे के दूसरे दिन केवड़िया पहुंचे उन्होंने सरदार पटेल की जयंती यानि “राष्ट्रीय एकता दिवस” के अवसर पर वहां मौजूद लोगों को शपथ दिलाई, “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी” पहुंचने से मोदी ने ट्वीट कर लिखा –  ‘‘सरदार पटेल की जयंती पर, हम उनकी अदम्य भावना, दूरदर्शी नेतृत्व और असाधारण समर्पण को याद करते हैं जिससे उन्होंने हमारे राष्ट्र के भाग्य को आकार दिया। राष्ट्रीय एकता के लिए उनकी प्रतिबद्धता आज भी हमारा मार्गदर्शन करती है। हम हमेशा उनकी ऋणी रहेंगे।’’

“स्टैच्यू ऑफ यूनिटी” की निर्माण गाथा में ही “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” की भावना : मोदी 

“स्टैच्यू ऑफ यूनिटी”  पर पुष्प अर्पित करने के बाद पीएम मोदी ने केवड़िया के एकता नगर में एक सभा को संबोधित किया , उन्होंने कहा जैसे 15 अगस्त हमारी स्वतंत्रता के उत्सव का दिन है, 26 जनवरी हमारे गणतंत्र के जयघोष का दिवस है, उसी तरह 31 अक्टूबर का ये दिन देश के कोने-कोने में राष्ट्रीयता के संचार का पर्व बन गया है। 15 अगस्त को दिल्ली के लाल किले पर होने वाला आयोजन, 26 जनवरी को दिल्ली के कर्तव्यपथ पर परेड और 31 अक्टूबर को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के सानिध्य में मां नर्मदा के तट पर राष्ट्रीय एकता दिवस का ये मुख्य कार्यक्रम राष्ट्र उत्थान की त्रिशक्ति बन गए हैं। उन्होंने कहा –  “एकता नगर में आने वालों को सिर्फ इस भव्य प्रतिमा के ही दर्शन नहीं होते बल्कि उसे सरदार साहब के जीवन, त्याग और एक भारत के निर्माण में उनके योगदान की झलक भी मिलती है। इस प्रतिमा की निर्माण गाथा में ही “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” की भावना का प्रतिबिंब है।”

“जब सबका प्रयास होता है तो असंभव कुछ नहीं रह जाता”

पीएम मोदी ने फिर कहा कि आने वाले 25 साल भारत के लिए इस शताब्दी के सबसे महत्वपूर्ण 25 साल हैं इन 25 वर्षों में हमें समृद्ध बनना है विकसित बनना है। उन्होंने कहा कि आज ऐसा कोई लक्ष्य नहीं है जो भारत पा नहीं सकता, ऐसा कोई संकल्प नहीं है जो हम भारतवासी सिद्ध ना कर सकें, बीते 9 वर्षों में मैंने देखा है कि जब सबका प्रयास होता है तो असंभव कुछ नहीं रह जाता ।

“गुलामी की निशानियों को हटा रहा है भारत”

पीएम मोदी ने कहा, “अमृतकाल में भारत ने गुलामी की मानसिकता को त्यागकर आगे बढ़ने का संकल्प लिया है। हम विकास भी कर रहे हैं और अपनी विरासत का संरक्षण भी कर रहे हैं। भारत ने अपनी नौसेना के ध्वज पर लगे गुलामी के निशान को हटा दिया है। गुलामी के दौर में बनाए गए गैर जरूरी कानूनों को भी हटाया जा रहा है। IPC की जगह भी भारतीय न्याय संहिता लाई जा रही है। इंडिया गेट पर जहां कभी विदेशी सत्ता के प्रतिनिधि की प्रतिमा थी, वहां अब नेताजी सुभाष की प्रतिमा हमें प्रेरणा दे रही है।

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