नई दिल्ली : आज से संसद का बजट सत्र प्रारंभ हुआ। सत्र से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विपक्ष ने उनकी आवाज़ को दबाया और इसका लोकतांत्रिक व्यवस्था में कोई स्थान नहीं हो सकता है। इस बात के जवाब में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा है कि जिस व्यक्ति ने दस साल तक देश का गला घोंटा और आवाज़ दबाई, वो आज प्रतिपक्ष के आवाज़ उठाने पर रुदन करता हुआ बेहद कमज़ोर दिख रहा था।
पीएम मोदी का विपक्ष पर आरोप, कांग्रेस का पलटवार
पीएम मोदी ने आज बजट सत्र से पहले कहा कि ‘नई संसद का गठन होने के बाद जो पहला सत्र था, 140 करोड़ देशवासियों ने बहुमत के साथ जिस सरकार को सेवा करने का आदेश किया, उसकी आवाज को कुचलने का अलोकतांत्रिक प्रयास हुआ। 2.5 घंटे तक देश के प्रधानमंत्री का गला घोंटने का, उनकी आवाज को रोकने का, लोकतांत्रिक परंपराओं में कोई स्थान नहीं हो सकता। इसका कोई पश्चाताप नहीं है।’ इसके जवाब में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतिपक्ष पर अशोभनीय टिप्पणी के साथ आज मानसून सत्र की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष ने प्रधानमंत्री का ढाई घंटे तक गला घोंटा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ये याद दिलाना ज़रूरी है कि पिछले दस साल के उनके अन्याय काल में पूरे देश का दम घोंटा गया, जिसकी सज़ा जनता ने उन्हें दी है। पीएम मोदी भूल गए हैं कि वो बहुमत की सरकार के पीएम नहीं, दो दलों के सहयोग से चलने वाली एनडीए सरकार के एक तिहाई प्रधानमंत्री हैं।
पवन खेड़ा ने पीएम मोदी को घेरा
कांग्रेस नेता ने एक्स पर लिखा कि ‘उन्हें मोदी सरकार शब्द के इस्तेमाल से भी बचना चाहिए और खुद को लोकतांत्रिक साबित करना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्मरण कराना उचित होगा कि जब पीएम मोदी ये भाषण दे रहे थे, उस वक्त देश के 32 लाख छात्रों की आवाज़ को दबाने और उनके साथ आपकी सरकार के अन्याय के खिलाफ देश का सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। आप जब अपने अहंकार और झूठ से लबालब भाषण दे रहे थे तो आपको बताना ज़रूरी होगा कि देश के 15 से अधिक अग्निवीर देश के लिए प्राणों की आहुति का सपना अपने दिल में रख कर आत्महत्या के लिए मजबूर हो चुके है। जब मोदी ये भाषण दे रहे थे, तब देश के पचास करोड़ किसान अपने खेत और अपनी खेती को बचाने के लिए आपके हर दमन, हर अत्याचार को सहते हुए आंदोलन कर रहे हैं, जिनका आपने ढाई साल से गला घोंट रखा है. हर घंटे 19 किसान-मजदूर अपना गले में फंदा पहन कर जान देने को मजबूर हैं प्रधानमंत्रीजी।’
‘अपने भाषण में मोदी बनाम देश बना दिया’
पवन खेड़ा ने कहा कि ‘आपने सही कहा प्रधानमंत्रीजी, संसद देश के लिए है। वो किसी राजा का दरबार नहीं है लिहाजा प्रतिपक्ष वहां देश के युवाओं, किसानों, जवानों,मजदूर, महिलाओं, पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों और गरीबों के दर्द को आवाज़ संसद में उठाने को मजबूर है। सच्चाई तो यह है कि आपने अपने भाषण में मोदी बनाम देश बना दिया है। हमारा संसदीय दायित्व है कि देश की आवाज़ उठाने के लिए हम आपको बार-बार टोकें, बार-बार रोकें. आपको भी समझना होगा कि देश की तात्कालिक ज़रूरत और तकलीफ से जुड़े सवालों को हर काम छोड़ कर सुनना ज़रूरी है। अब गुरूर छोड़ गरिमा अपनाईए मोदीजी, आपने पिछले दस साल सिर्फ अपनी बात कही है, आपको किसने क्या कहा, और हरदम आपकी पीड़ा सुनाने का समय गया। अब देश ने आपको तीसरा मौका अपनी बात सुनाने का दिया है. देश के संसद चलवाइए, संगोल वाला राजदरबार मत बनाइए।’