भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय में शनिवार को उस वक़्त हड़कंप मच गया जब अचानक बिना किसी सूचना या मामलें के पुलिस आ गई। पुलिस कर्मियों को देखकर प्रदेश मुख्यालय में मौजूद कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता हैरान रह गए, हालांकि पुलिस ने जब आने का कारण बताया तो कांग्रेस प्रवक्ताओं में इसे लेकर खासी नाराजगी नजर सामने आई, दरअसल कांग्रेस की मीडिया उपाध्यक्ष संगीता शर्मा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को राष्ट्रध्वज तिरंगा भेंट करने जा रही हैं।
लेकिन जैसे ही पुलिस को यह जानकारी लगी पुलिस तिरंगा भेंट करने से पहले ही संगीता शर्मा के कक्ष में पहुंच गई। दरअसल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विश्व संघ शिक्षा वर्ग का समापन ‘विश्व विभाग द्वितीय वर्ष प्रगट कार्यक्रम’ भोपाल में शनिवार को आयोजित किया जा रहा है। इसमें सरसंघचालक डा. मोहन भागवत शामिल हों रहे है। शिक्षा वर्ग का आयोजन भोपाल में 18 जुलाई से चल रहा है। जिसमें अमेरिका, कनाडा, मारीशस, सिंगापुर सहित 13 देशों से भोपाल आए 53 स्वयं सेवकों ने प्रशिक्षण लिया है। पिछले दो दिन से डा. भागवत प्रशिक्षणार्थियों की बैठकों में शामिल हो रहे हैं।
वही संगीता शर्मा के साथ ही मीडिया अध्यक्ष के. के. मिश्रा के कमरे में भी पुलिस तैनात हो गई, इसके साथ ही कुछ पुलिसकर्मी पीसीसी के बाहर भी खड़े कर दिए गए। दरअसल मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग की उपाध्यक्ष संगीता शर्मा का बयान सामने आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि मैं आपको सूचित करना चाहती हूं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत को भारत का राष्ट्र ध्वज तिरंगा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सच्चे इतिहास से जुड़ी एक पुस्तक भेंट करने का संकल्प किया है। लेकिन संगीता शर्मा तिरंगा भेंट करती उससे पहले ही मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में उनके कक्ष में पुलिस की तैनाती कर दी गई है। कार्यालय के बाहर भी बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। संगीत शर्मा का आरोप है कि उन्हे अपने कक्ष से निकलने नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं मध्य प्रदेश की जनता से पूछना चाहती हूं कि क्या देश की आजादी की हीरक जयंती के अवसर पर संविधान को मानने वाली एक नागरिक को इस तरह से पुलिस के पहरे में रखना संविधान के अनुकूल है। क्या आजाद भारत में देश का राष्ट्र ध्वज तिरंगा किसी को भेंट करना अपराध है। आजाद भारत में स्वतंत्रता दिवस के पहले आम जनता की आजादी पर पुलिस का पहरा बैठाना क्या सच्ची आजादी है। लेकिन मैं डरूंगी नहीं और राष्ट्रध्वज तिरंगा सम्मान पूर्वक भेंट करके ही रहूंगी। मैं आजादी की दूसरी लड़ाई के लिए तैयार हूं।