सहारा समूह के चेयरमैन सुब्रत रॉय को गिरफ्तार करने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस की टीम लखनऊ तक पहुंची.. गोमती नगर थाने की पुलिस के साथ दो घंटे के सर्च आपरेशन भी चलाया, लेकिन अभियुक्त नहीं मिला। एमपी पुलिस की टीम खाली हाथ वापस लौट आई। पुलिस ने बताया कि सभी के खिलाफ नोटिस चस्पा कर दिया गया है। जिसमें पांच मई को आरोपियों को दतिया थाने में पेश होने का आदेश है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक गुरुवार सुबह स्थानीय पुलिस की मदद से एमपी पुलिस की टीम सहारा प्रमुख के गोमतीनगर स्थित आवास पहुंची, जहां छापेमारी की गई। मध्यप्रदेश के दतिया थाने इंस्पेक्टर रविन्द्र शर्मा ने बताया कि सहारा फाइनेंस कंपनी में करीब दो हजार से ज्यादा निवेशकों का पैसा फंसा हुआ है। अलग-अलग स्कीमों में निवेश की अवधि पूरी होने के बाद इनका रिफंड नहीं मिला।
निवेशक कई साल से सहारा के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। इन निवेशकों की तरफ से सहारा डायरेक्टर सुब्रत राय, उनकी पत्नी स्वप्ना राय सहित बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के आठ सदस्यों के खिलाफ केस दर्ज किया था। वर्षों से इस केस में कोर्ट में पेश न होने की वजह से सुब्रत राय, स्वप्नाना रॉय, अनिल कुमार पांडे, डीके श्रीवास्तव, रूमी दत्ता, करुणेश अवस्थी, राना जिया और अब्दुल दबीर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ है।
दतिया के शहर कोतवाल रविंद्र शर्मा ने बताया कि इन सभी के खिलाफ IPC की धारा 420,406 और मध्यप्रदेश निक्षेपकों के हित का संरक्षण अधिनियम की धारा 6 (1) में केस दर्ज है। पुलिस ने अन्य आरोपियों का पता लिया है वहां उन्हें ढूंढेगी। मामले पर सहारा के लीगल हेड बीएम त्रिपाठी ने कहा कि सेबी को निवेशकों की रकम लौटानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप की चल-अचल संपत्ति के ट्रांजेक्शन पर रोक लगा रखी है। रोक हटते ही लोगों का पैसा वापस किया जाएगा।