सचिन पायलट की खामोशी से बढ़ा सियासी सस्पेंश, किसके ‘हाथ’ राजस्थान? पढ़िये ये रिपोर्ट…

:जयपुर : राजस्थान में कांग्रेस का सियासी संकट बरकरार है। सचिन पायलट की खामोशी से सस्पेंस बना हुआ है। पायलट समर्थक कांग्रेस आलाकमान के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। दूसरी तरफ सीएम अशोक गहलोत की बॉडी लैंग्वेज के बदलने और सहज होने से माहौल बदल रहा है। ब्यूरोक्रेसी एक बार फिर से तेज गति से काम कर रही है। सचिवालय में रौनक लौट आई है। आला अफसर कामकाज में जुट चुके हैं। पायलट कैंप गहलोत की रणनीति पर बारीकी से नजर गड़ाए है। गहलोत समर्थकों का कहना है कि अशोक गहलोत सीएम बने रहेंगे। राजस्थान के सियासी एपिसोड में पायलट की खामोशी पर सस्पेंस बना हुआ है। मुख्यमंत्री गहलोत ने स्वयं प्रेस कांफ्रेंस कर इन्वेस्टमेंट समिट की कमान अपने हाथों में ले रखी है। सीएम कामकाज को गति देने के लिए ताबड़तोड़ मीटिंग कर रहे हैं। 201 आरएएस अफसरों के तबादले कर मंत्रियों और विधायकों को उनके मनपंसद अफसर भी दे दिए है।

सचिन पायलट समर्थक खामोश

राजस्थान के सियासी संकट पर सचिन पायलट की खामोशी से उनके समर्थक खामोश और कंफ्यूज नजर आ रहे हैं। दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद पायलट जयपुर लौटे और अपने आवास पर अपने समर्थकों से मुलाकात की। इस दौराना पायलट ने गहलोत कैंप के मंत्री प्रताप सिंह खारियावास से सोमवार रात को उनके घर पर मुलाकात कर चौंका दिया। दोनों नेताओं की यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है। दोनों नेताओं के बीच करीब डेढ़ घंटे तक मुलाकात हुई। हालांकि, मुलाकात का ब्योरा नहीं दिया गया। मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि पायलट संग सभी तरह की बातें हुई है। जिनका खुलासा नहीं किया जा सकता है। भजन-कीर्तन की बातें तो हुई नहीं है। राजनीतिक बातें हुई है। सचिन पायलट से मुलाकात के बाद खाचरियावास के सुर बदले-बदले से नजर आए। सचिन पायलट समर्थक  बीजेपी आऱएसएस से हाथ मिलाने से इंकार कर रहे हैं। गहलोत कैंप बार-बार 2020 में पायलट की बगावत को याद कर निशाना साध रहा है। राजनीतिक विश्लेषका का कहना है कि सचिन पायलट कांग्रेस आलाकमान का विश्वास जीत रहे हैं। संभवत ऐसा कदम नहीं उठाएंगे जिससे पार्टी को नुकसान हो। 

गहलोत समर्थक मंत्रियों पर एक्शन होगा या नहीं 

गहलोत समर्थक दो मंत्रियों को कांग्रेस आलाकमान ने नोटिस जारी कर 10 दिन में जवाब मांगा था। जिसकी आज मियाद पूरी हो गई है।  उल्लेखनीय है कि 5 सितंबर को कांग्रेस आलाकमान की ओर से बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बहिष्कार के लिए कांग्रेस पार्टी ने मुख्य सचेतक महेश जोशी, संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को जिम्मेदार माना था। लेकिन कारण बताओ नोटिस के जवाब को लेकर संशय की स्थिति बन गई है। महेश जोशी का कहना है कि मुझे नोटिस नहीं मिला है। जवाब किसकों दे। जबकि शांति धारीवाल का कहना है कि नोटिस का जवाब दे दिया गया। दोनों मंत्रियों पर कांग्रेस आलाकमान एक्शन लेगा या नहीं, यह देखना होगा। 

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