पटना: तो आखिरकर बिहार में खेला हो गया। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के बीच गठबंधन टूट चुका है। सीएम नीतीश कुमार को फिर से उनकी पार्टी पीएम मैटेरियल बताने लगी है। यानी सीएम नीतीश की वो पुरानी कसक जिसकी उन्होंने खुद तो कभी चर्चा नहीं की लेकिन उनके दल के नेता गाहे-बगाहे लगातार कहते रहे हैं। आरजेडी भी उन्हें पीएम पद का दावेदार बताती रही है। 2013 में भी जब बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार बताया था तो नीतीश ने इसका विरोध करते हुए बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया था। तब भी कहा गया था कि नीतीश भी पीएम मैटेरियल हैं। 2015 में बिहार में महागठबंधन की जीत के बाद भी उन्हें पीएम मैटेरियल बताया गया।
कुछ दिन पहले जेडीयू संसदीय दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी कहा था कि नीतीश कुमार पीएम बनने की सारी खूबियां हैं। यानी बिहार में नीतीश ने एक तीर से कई शिकार किए हैं। बीजेपी से पल्ला झाड़ा और आरजेडी के साथ मिलकर सरकार बनाने की तैयारी कर ली है। विशेषज्ञों की माने तो 2024 में नीतीश बनाम पीएम मोदी का मुकाबला असंभव भी नहीं दिख रहा है।
पीएम बनने की चाह!
2024 के आम चुनाव में अभी दो साल का वक्त है। बिहार के राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा आम है कि नीतीश 2024 में पीएम पद की दावेदारी करेंगे और राज्य की कमान तेजस्वी को सौंप दी जाएगी। हालांकि, जेडीयू या फिर आरजेडी के नेता इस चर्चा पर कुछ बोलने से परहेज कर रहे हैं। उधर, विशेषज्ञों के अनुसार, ईद के दिन से शुरू हुआ सिलसिला मुहर्रम के दिन पूरा हो रहा है। सूत्रों के अनुसार, अब नीतीश निश्चित तौर पर 2024 चुनाव के लिए खुद को तैयार करेंगे। यानी उनकी अब चाहत पीएम पद की कुर्सी के लिए है। इसके लिए वह बिहार में रहते हुए नई रणनीति बनाएंगे।