इंदौर : व्यक्ति के जीवन में जब तक चोट नहीं पड़ती है, उसमें बदलाव नहीं आता है। मान पर चोट पड़ती है तब कषाय पैदा होता है। कर्म पर चोट पड़ती है तो ज्ञान पैदा होता है। व्यवहार की भाषा बोलें, सत्य भाषा बोलें, आप ओर हम सब आत्मा हैं। आत्मा तीन लोक तक अमर है। हम जीवन ऐसा जिएं जिसमें स्वयं को एवं सामने वाले की आत्मा पर चोट नहीं पहुंचे। व्यक्ति का व्यवहार ही सदा याद रहता है। जीवन में ऐसी चोट कभी मत करो जिससे व्यक्ति आपसे दूर भागे। जीवन में अपनत्व व अच्छी भाषा से सबको जीता जा सकता है।
ये बातें श्रमण संघीय प्रवर्तक प्रकाश मुनि महाराज ने इंदौर के महावीर भवन इमली बाजार में कही। उन्होंने कहा कि चातुर्मास जीवन में परिवर्तन लाने के लिए आते हैं और अपने कषायों को दूर करते हैं। चातुर्मास में जप-तप-पौषध, चोविहार, हरि का त्याग, रात्रि भोजन का त्याग, जमीकन्द वस्तुओं का त्याग करें। त्याग से ही कषायो का नाश होता है। संघ के महामंत्री रमेश भंडारी ने गुरु पुर्णिमा की सबको शुभकामनाएं दी। धर्मसभा का संचालन मुख्य संयोजक प्रकाश भटेवरा ने किया।