उज्जैन : देश भर के पंडे पुजारी आज उज्जैन की शिप्रा नदी के रामघाट पर एकत्रित हुए और यहां से त्राहिमाम यात्रा निकालकर अपनी मांगों को बुलंद किया। सरकार द्वारा मंदिरों के सरकारीकरण का विरोध और अपनी अन्य मांगों के चलते यह रैली निकाली गई। इस दौरान 800 से ज्यादा पंडे पुजारी मौजूद रहे। मंदिरों से जुड़ी जितनी भी समस्याएं हैं उनके समाधान के लिए रामघाट से लेकर महाकाल मंदिर तक यात्रा का आयोजन रखा गया जिसका नाम त्राहिमाम यात्रा था। यात्रा में देशभर के 21 संगठनों ने हिस्सा लेकर अपनी मांग सरकार के सामने रखी। पुजारियों ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुजारियों के मंदिरों और घरों को तोड़ा जा रहा है, उन्हें मंदिरों से बेदखल किया जा रहा है। हमारी मांग है कि मंदिरों को सरकारी तंत्र से मुक्त कर दिया जाए और मठ मंदिरों का सरकारीकरण बंद हो जाए।
आंदोलन की चेतावनी
यात्रा निकाल रहे पुजारियों ने कहा कि अगर हमारी मांग नहीं मानी गई तो हम भोपाल में बड़ा आंदोलन करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जब हम सरकार बदलने की क्षमता रखते हैं तो आने वाले चुनाव में हम हमारी ताकत सरकार को दिखा देंगे। ।
ये है मांग
विरोध कर रहे पंडे पुजारियों का कहना है कि मध्य प्रदेश में लगभग 50000 मंदिर हैं और इनमें विराजित मूर्ति और लगभग एक लाख हेक्टेयर कृषि भूमि पुजारियों और उनके सेवकों से संबंधित है। इसी के साथ सरकारीकरण को समाप्त किए जाने और पुजारियों को अधिकार देते हुए सुरक्षा कानून बनाए जाने सहित मंदिर में दान आई जमीन पर पुजारियों का स्वामित्व होने जैसी मांगों को बुलंद किया गया है।
21 संगठन हुए शामिल
उज्जैन में आयोजित की गई इस त्राहिमाम यात्रा में देशभर के 21 बड़े संगठनों ने हिस्सा लिया और पुजारियों की विभिन्न मांगों को सरकार के समक्ष रखा। इसमें देश भर के अलग-अलग जिलों के संगठन शामिल रहे। सभी संगठनों के प्रतिनिधि इस दौरान मौजूद रहे।