नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने बुधवार को एक बार फिर से कांग्रेस में अंदरूनी बदलाव लाने की बात कही। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी में कुछ आंतरिक परिवर्तन लाए जाते हैं, तो ही कांग्रेस का पुनरुद्धार होगा। बता दें कि हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले आनंद शर्मा ने पार्टी की राज्य इकाई की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से रविवार को इस्तीफा दे दिया था। उनके इस कदम को कांग्रेस के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि उन्होंने कहा है कि वे पार्टी जहां कहेगी वहां प्रचार करेंगे।
बुधवार को उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा, “जहां भी जरूरत होगी मैं कांग्रेस पार्टी के लिए प्रचार करूंगा। कांग्रेस को गुटबाजी से बाहर निकलकर एकजुट रहने की जरूरत है। हम सब कांग्रेसी हैं। महत्वपूर्ण यह है कि कांग्रेस पार्टी मजबूत रहे।” कांग्रेस पार्टी में इस समय नए अध्यक्ष के चुनाव को लेकर चर्चा तेज है। कयास लगाए जा रहे हैं कि फिर से गांधी परिवार का ही कोई सदस्य कांग्रेस की कमान संभाल सकता है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए आनंद शर्मा ने कहा, “हमने 2018 में राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में चुना, लेकिन उन्होंने इस्तीफा दिया। हमने उनसे इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा था। यह जरूरी है कि नेहरू-गांधी परिवार (कांग्रेस पार्टी के लिए) अभिन्न बना रहे। कांग्रेस को समावेशी और सामूहिक सोच व दृष्टिकोण की आवश्यकता है।” शर्मा से पहले जी23 समूह के एक अन्य नेता गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे चुके हैं।
गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा, दोनों ही जी23 समूह में शामिल प्रमुख नेता हैं, जो पार्टी नेतृत्व के फैसलों की आलोचना करने से नहीं चूके हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मनीष तिवारी सहित कई अन्य दिग्गज नेताओं वाला यह समूह ब्लॉक से लेकर केंद्रीय कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) स्तर तक सही तरीके से चुनाव कराने पर जोर दे रहा है। शर्मा के इस्तीफे को कांग्रेस के भीतर ‘बागियों’ को शांत करने के प्रयासों के लिए एक झटका माना जा रहा है।