उज्जैन में जनसभा को संबोधित करेंगे राहुल गांधी, श्री महाकाल लोक का श्रेय लेने की कवायद…

भोपाल : बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में श्री महाकाल लोक के पहले चरण का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह से पहले ही भाजपा और कांग्रेस के बीच श्री महाकाल लोक के निर्माण का श्रेय लेने की होड़ मची हुई थी। लेकिन अब कांग्रेस ने श्री महाकाल लोक का क्रेडिट लेने के लिए राहुल गांधी की भारत जोड़ों पदयात्रा उज्जैन की तरफ मोड़ दी है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी उज्जैन में एक जनसभा को संबोधित करेंगे।

जानकारी के अनुसार कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन करेंगे और एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। जनसभा आयोजित कर कांग्रेस पार्टी लोगों को बताएगी कि श्री महाकाल लोक पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ की देन है। ये भी बताएगी कि श्री महाकाल लोक कांग्रेस की परिकल्पना का नतीजा है।

दरअसल श्री महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद से ही संगठन कमलनाथ सरकार की उपलब्धि बनाने की जुगत में लगी हुई है। कांग्रेस 2023 में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती और यही वजह है कि पार्टी धार्मिक एजेंडे के तहत मध्य प्रदेश की सत्ता तक पहुंचने की तैयारी में जुटी हुई है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा के लोग रावण की तरह रथ यात्रा करते हैं लेकिन राहुल गांधी राम की तरह पद यात्रा कर रहे हैं।

लेकिन कांग्रेस की इस कोशिश पर भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा ने बताया कि कमलनाथ कह रहे हैं कि श्री महाकाल लोक का काम उनके कार्यकाल में शुरू हुआ था। घमंड तो रावण का भी नहीं चला। लेकिन यहां तो राहुल गांधी और कमलनाथ, खुद को बाबा महाकाल से बड़ा साबित करना चाहते हैं। ये उनकी मंद बुद्धि का परिचायक है। 

भाजपा के प्रवक्ता का कहना है कि किसने काम किया है वह सब कागजों में दर्ज है। जिन लोगों ने राम मंदिर नहीं बनने दिया, राम सेतु को तोड़ने का प्रयास किया क्या वो लोग श्री महाकाल लोक का सपना देख सकते हैं? राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के उज्जैन आने पर प्रवक्ता ने कहा कि यात्रा लेकर आ रही हैं लेकिन पहले यहां के किसानों को कर्ज माफी पर जवाब देना होगा।

बता दें कि श्री महाकाल लोक निर्माण कार्य को दोनों ही मुख्य पार्टियां अब खुद को श्रेय देने में लगी हुई है। जिसके चलते भाजपा और कांग्रेस आरोप-प्रत्यारोप लगा रही है। इसे लेकर सोशल मीडिया पर एक वॉर भी शुरू गई है। जहां पुराने ट्वीट्स शेयर किए गए थे सिर्फ यह सिद्ध करने के लिए की आखिर यह कॉरिडोर का कार्य किसने शुरू कराया था।

दरअसल मुख्यमंत्री के ऑफिसियल ट्वीटर हैंडल से 17 अगस्त 2019 को एक ट्वीट किया गया था जिसमें कमलनाथ सरकार द्वारा महाकाल प्रोजेक्ट के लिए 300 करोड़ रुपए आवंटित करने की बात की गई थी।

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