साल 1991 में एक सुनियोजित बम धमाके में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी करार दिए गए एजी पेरारिवलन को अब जेल से रिहा किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने जेल में अच्छे आचरण, मेडिकल कंडीशन और शैक्षिक योग्यता के आधार पर पेरारिवलन की 31 साल पुरानी कैद को खत्म करने का फैसला लिया है. जल्द ही पेरारिवलन को जेल से रिहा किया जा सकता है.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के जज एल नागेश्वर राव और बीआर गवई की बेंच ने सुनवाई की. बेंच ने कहा कि राज्यपाल तमिलनाडु की मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह से बंधे हैं. लंबे समय से तमिलनाडु के राज्यपाल के पास पेरारिवलन की दया याचिका लंबित होने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए, अनुच्छेद 142 के तहत पेरारिलन को रिहा किए जाने का आदेश दिया है.
कौन है एजी पेरारिवलन
राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी पेरारिवलन उस समय सिर्फ़ 19 साल का था. उस पर आरोप है कि उसने हत्याकांड के मास्टर माइंड और लिट्टे के सदस्य सिवरासन के लिए दो बैटरियां खरीदी थीं. इन बैटरियों का इस्तेमाल बम बनाने के लिए किया गया था. बाद में इन्हीं बमों का इस्तेमाल करके तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को बम धमाके में उड़ा दिया गया.
साल 1998 में एक TADA अदालत ने एजी पेरारिवलन को फांसी की सजा सुनाई थी. एक साल बाद ऊपरी अदालत ने इस फैसले को सही ठहराया था. साल 2014 में इस सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया था. मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने इस आधार पर पेरारिवलन को जमानत दे दी थी कि उसने 31 साल कारावास की सजा काट ली है. साल 2015 में पेरारिवलन ने तमिलनाडु के राज्यपाल के समक्ष दया याचिका दायर की थी. बाद में वह सुप्रीम कोर्ट भी गया.