RBI की बड़ी कार्रवाई, 2 बैंकों पर ठोका भारी जुर्माना, एक पर लगाया प्रतिबंध, कहीं इनमें आपका खाता तो नहीं?

नई दिल्ली : नियमों का उल्लंघन करने और ग्राहकों के हित में रिजर्व बैंक ऑफ इंडियन अक्सर सख्त कदम उठाता है। आरबीआई ने दो बैंकों पर मौद्रिक जुर्माना लगाया है। वहीं श्री महालक्ष्मी शहरी सहकारी बैंक लिमिटेड (गोकक, कर्नाटक)) पर प्रतिबंध लगाया है। लोन एवं एडवांस और निवेश पर रोक लगाई है।

केन्द्रीय बैंक ने बिहार अवामी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 1.50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा सूरत पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 61 लाख 60 हजार रुपये का जुर्माना आरबीआई ने लगाया है।

आरबीआई ने क्यों लगाया बैंकों पर जुर्माना? (RBI imposed monetary penalty)

वैधानिक निरीक्षण के दौरान बैंकों द्वारा नियमों के अनुपालन में लापरवाही  का मामला सामने आया था। जिसके बाद इसके बाद आरबीआई ने बैंकों को कारण बताओं नोटिस जारी किया। नोटिस पर आए प्रतिक्रिया के बाद जांच के दौरान आरोपों की पुष्टि होने के बाद मौद्रिक जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया।

  • सूरत पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने कुछ उधारकर्ताओं के ऋण खातों को गैर निष्पादित संपत्तियों के रूप में वर्गीकृत करने में विफल रहा है। निदेशक संबंधित लोन को स्वीकृत या नवीनीकृत किया। कुछ निष्क्रिय बचत बैंक में न्यूनतम शेष राशि न रखने के लिए दंडात्मक शुल्क लगाए और वसूली की।  कुछ ग्राहकों को मोबाइल नंबर रिकॉर्ड में न होने के बावजूद एसएमएस अलर्ट भेजने के लिए शुल्क लगाया।
  • बिहार आवामी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर निर्धारित अवधि के भीतर जमाकर्ता  शिक्षा और जागरूकता कोष में हस्तानन्तरित न करने का आरोप है। यह बैंक अवधिकता अनुसार अपने ग्राहकों की जोखिम वर्गीकरण की समीक्षा करने में भी विफल रहा।

कर्नाटक के इस बैंक पर लगे कई प्रतिबंध (Restristions on Bank)

श्री महालक्ष्मी शहरी सहकारी बैंक लिमिटेड को 27 सितंबर 2024 से कारोबार बंद करने का आदेश जारी किया गया है। आरबीआई के लिखित अनुमति के बिना बैंक लोन एडवांस राशि प्रदान या नवीनीकृत नहीं कर सकता। कोई निवेश करने की अनुमति भी नहीं है। धन उधार लेने और नई जमा राशि स्वीकार करने की इजाजत भी नहीं। इसके अलावा अपनी देनदारी और दायित्व के निर्वहन में या अन्यथा कोई भुगतान वितरण करने की अनुमति भी नहीं रहेगी। आरबीआई ने बैंक का लाइसेंस रद्द किया है। समीक्षा के बाद कोई भी कदम उठा सकता है। फिलहाल बैंक को लोन के वसूली सहित अपने कई बैंकिंग व्यवसाय को जारी रखने की अनुमति है। केन्द्रीय बैंक ने कदम प्रतिकूल भौतिक घटनाक्रम से उत्पन्न चिताओं और बैंक के जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करने के लिए उठाया है।

Leave a Reply