नई दिल्ली : दिल्ली के परिवहन विभाग ने परिचालन की अवधि को पार कर चुके 54 लाख से अधिक वाहनों का 27 मार्च तक रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। इनमें ऑटोरिक्शा, कैब और दोपहिया वाहन भी शामिल हैं। विभाग के अनुसार जिन वाहनों का पंजीकरण रद्द किया गया है उनमें कुछ ऐसे वाहन हैं जिन्हें वर्ष 1900 और 1901 में रजिस्ट्रेशन कराया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में साल 2018 में 10 वर्ष पुराने डीजल और 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया था। दिल्ली की सड़कों पर 2021-22 में 79.18 लाख वाहन पंजीकृत थे।

यह निर्णय भारतीय सरकार द्वारा लिया गया है कि जो वाहन पुराने हो चुके हैं, और प्रदूषण करते हैं उन्हें बंद करना चाहते हैं। इस पहल का उद्देश्य है, प्रदूषण को कम करना और देश के लोगों के लिए स्वच्छ वातावरण बनाए रखना। यह निर्णय संभवतः पुराने वाहनों के पारदर्शिता मानदंडों और नए और अधिक प्रदूषण नियंत्रण विनियमों के लागू होने के कारण लिया गया है। इससे स्थानों पर ट्रैफिक कम होगा, नागरिकों को नए वाहनों की खरीद पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी और प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने 10-15 साल पुराने वाहनों पर लगायी रोक
वर्ष 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में क्रमश: 10 वर्ष और 15 वर्ष पुराने डीजल एवं पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया था। न्यायालय ने कहा था कि आदेश का उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त कर लिया जाए। राष्ट्रीय हरित अधिकरण के 2014 के आदेश में 15 वर्ष पुराने वाहनों को सार्वजनिक स्थानों पर खड़ा करने की मनाही की गयी है।
यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला था, जिससे दिल्ली की वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। यह फैसला प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जिससे पुराने और जुगाड़ू तरीकों से निर्मित वाहनों के उपयोग से होने वाले जलवायु परिवर्तन को रोका जा सकता है। यह एक ऐसा कदम है जो प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह फैसला वाहनों के मालिकों को अपने वाहनों की उम्र और विनिर्माण दिनांक का ध्यान रखने के लिए बाध्य करेगा और इससे प्रदूषण के स्तर में कमी आ सकती है।
साउथ दिल्ली में सबसे अधिक वाहनों का पंजीकरण रद्द हुआ
परिवहन विभाग के अनुसार साउथ दिल्ली पार्ट वन में सबसे अधिक वाहनों का पंजीकरण रद्द किया गया है। वहां 27 मार्च तक 9,285 तिपहिया वाहनों और 25,167 कैब का पंजीकरण रद्द किया गया। मॉल रोड जोन में 2,90,127 वाहनों, आईपी डिपो में 3,27,034 वाहनों, साउथ दिल्ली पार्ट वन में 9,99,999 वाहनों, साउथ दिल्ली पार्ट टू में 1,1,69,784 वाहनों, जनकपुरी में 2, 7,06,921 वाहनों, लोनी में 4,35,408 वाहनों, सराय काले खां में 4,96,086 वाहनों, मयूर विहार में 2,99,788 वाहनों, वजीरपुर में 1,65,048 वाहनों, द्वारका में 3,04,677, बुराड़ी में 25,167, राजागार्डन में 1,95,626 वाहनों और रोहिणी जोन में 6,56,201 वाहनों का पंजीकरण रद्द किया गया।
29 मार्च से शुरू किया था अभियान
परिवहन विभाग ने परिचालन अवधि पूरा कर चुके वाहनों को कबाड़ में भेजने के लिए 29 मार्च को अभियान शुरू किया था। परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा ने कहा, ‘‘परिचालन अवधि पार चुके वाहनों के लिए एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) प्राप्त करने और उस राज्य में बेचने का अनुरोध है जहां वे चलने (परिचालन) के लायक हैं. यदि ये वाहन यहां सड़कों पर खड़े मिलेंगे तो उन्हें कबाड़ में दिये जाने का खतरा है.’’ दिल्ली की सड़कों पर 2021-22 में 79.18 लाख वाहन पंजीकृत थे।