बुरहानपुर। मध्यप्रदेश के बुरहानपुर के लिए बेहद स्वर्णिम दिन है। दरअसल बुरहानपुर के नेपानगर में 75 साल पहले बने नेपा मिल को एक बार फिर से व्यवसायिक रूप से शुरू किया जा रहा है। 469 करोड़ के रिनोवेशन के बाद आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे इसकी शुरुआत करेंगे। नेपा मिल को एशिया के पहले अखबारी कागज कारखाने के रूप में भी जाना जाता है।
दरअसल आज से 6 साल पूर्व रिनोवेशन का काम शुरू किया गया था। वहीं आज 469 करोड़ रूपए की लागत के बाद मिल दोबारा से व्यवसायिक रूप से शुरू की जा रही है। रिनोवेशन के तहत 16 देसी विदेशी कंपनियों ने काम किया है। इसके अलावा नई मशीनरी का प्रयोग किया गया है जिसके बाद उत्पादन 1 लाख टन प्रतिवर्ष बढ़ने की संभावना जताई गई है। इस मिल के शुरुआती दौर में 30000 टन प्रति वर्ष का गैस का उत्पादन किया जाता था लेकिन 1967 में इसकी कैपेसिटी 88000 टन प्रति वर्ष की गई थी। रद्दी कागज को मॉडिफाई और रीसाइकिल कर कागज तैयार किए जाते हैं।
मिल के शुरू होने के बाद एक हजार स्थानीय युवाओं को जहां रोजगार मिलेगा। वहीं इसके लिए व्यापार के क्षेत्र में भी बढ़ावा मिलेगा। जिससे आसपास के क्षेत्र में समृद्धि आएगी। वही मिल गए दोबारा शुरू होने पर निबंध के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक का कहना है कि मिल के लिए सभी ने सामूहिक प्रयास किए हैं। यह बड़े गौरव का क्षण है कि हम दोबारा से मिल को चालू कर सके हैं।
दरअसल नेपा मिल 25 जनवरी 1947 को तैयार हुआ था। मेसर्स नायर प्रेस सिंडिकेट लिमिटेड ने कागज के प्रोडक्शन के लिए प्राइवेट इंडस्ट्री के रूप में इसे शामिल किया था। इस समय अखबार का कागज बनाने के लिए यहां सिलाई पेड़ की लकड़ी और बांस का इस्तेमाल किया जाता था। हालांकि बाद में कागज की लुगदी से भी अखबार कागज तैयार किया जाने लगा।
1956 में इसे केंद्र सरकार ने सार्वजनिक उपक्रम में शामिल कर लिया था।वहीं मशीनरी और पुराने स्ट्रक्चर की वजह से जब मिल की स्थिति कमजोर हो गई। जिसपर 2012 में इसे आर्थिक पैकेज दिया गया। जिसके बाद दोबारा काम शुरू हुआ। 2015-16 में मिल के रिनोवेशन का काम शुरू करने के लिए मिल को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। जिसे एक बार फिर से व्यावसायिक तरीके से शुरू किया जा रहा है।