कर्मचारियों की नाराजगी बढ़ी, पुरानी पेंशन बहाली-महंगाई भत्ते समेत कई मांग, वित्त मंत्री-PM को भेजा पत्र…

नई दिल्ली: आगामी चुनावों से पहले देशभर में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग जोर पकड़ रही है। 10 श्रमिक संगठनों के संयुक्त मंच ने सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पुरानी पेंशन व्यवस्था (ओपीएस) बहाल करने की मांग की है, इसके लिए संगठनों ने वित्त मंत्रालय को एक ई-मेल भेजा है।

श्रमिक संगठनों के मंच की मांग है कि सरकार अपनी तरफ से अंशदान देकर एनपीएस की जगह पुरानी पेंशन व्यवस्था फिर से लागू करे। बजट-पूर्व परामर्श बैठक में शामिल हुए ट्रेड यूनियन कोऑर्डिनेशन सेंटर (टीयूसीसी) के महासचिव ने बताया कि बैठक में एनपीएस की जगह ओपीएस बहाली और न्यूनतम पेंशन की राशि को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये करने की मांग की गई।

इसके अलावा भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने कहा कि न्यूनतम पेंशन की राशि बढ़ाने और महंगाई भत्ते की मांग रखी। इसके अलावा आंगनवाड़ी, आशा और मध्याह्न भोजन योजना से जुड़े कामगारों को मासिक मानदेय बढ़ाने की भी मांग की गई है। हालांंकि सोमवार को केंद्रीय श्रमिक संगठनों के एक संयुक्त मंच ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ डिजिटल तरीके से होने वाले वाले बजट-पूर्व विचार-विमर्श का बहिष्कार किया।

इसलिए उठ रही मांग

बता दे कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड और पंजाब राज्य ने सरकारी कर्मचारियों के लिए ओपीएस को दोबारा लागू करने की घोषणा की है, इसके बाद से ही ओपीएस को पूरे देश में लागू करने की मांग तेजी से उठ रही है। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में ओपीएस को खत्म कर जनवरी, 2004 से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) को लागू किया गया था। एनपीएस अंशदान पर आधारित पेंशन योजना है और इसमें महंगाई भत्ते का कोई प्रावधान नहीं होता।

यूपी में शिक्षक संघ ने पीएम के नाम सौंपा ज्ञापन

इधर, उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ की मुरादाबाद इकाई ने पुरानी पेंशन बहाल किए जाने की मांग उठाई है। संघ के पदाधिकारियों ने इस संबंध में मुरादाबाद लोकसभा से सांसद डॉ. एसटी हसन से मुलाकात की और उनके माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। संघ ने नई पेंशन नीति की खामियों को सांसद को विस्तार पूर्वक बताया और पुरानी पेंशन की बहाली की मांगों को प्रधानमंत्री तक पहुंचाने का सांसद से निवेदन किया।

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