नई दिल्ली : हिमाचल प्रदेश में गहराते राजनीतिक संकट के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस्तीफ़ा दे दिया है। ये जानकारी जय राम ठाकुर ने दी। हालाँकि ये भी कहा जा रहा है कि उन्होंने अभी सिर्फ़ इस्तीफ़े की पेशकश की है और राज्यपाल को अपना इस्तीफा नहीं सौंपा है। राज्यसभा चुनाव के बाद पिछले दो दिन से प्रदेश में चल रही राजनीतिक उथल पुथल के बीच अब ये सवाल उठने लगे हैं कि क्या प्रदेश सरकार ख़तरे में है।
सीएम सुक्खू ने दिया इस्तीफ़ा!
सीएम के इस्तीफ़े की जानकारी प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने दी। हालाँकि सूत्रों के अनुसार, अभी मुख्यमंत्री सुक्खू ने अपना इस्तीफ़ा राज्यपाल को नहीं सौंपा है। कहा जा रहा है कि उन्होंने फ़िलहाल सिर्फ़ कांग्रेस हाईकमान को अपने इस्तीफ़े की पेशकश की है। जानकारी के मुताबिक़, हिमाचल प्रदेश में विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही में भी उन्होंने भाग नहीं लिया। ये सारी बातें प्रदेश के सियासी फेरबदल की ओर भी एक इशारा कर रही है। अटकलें है कि वो शाम तक अपना इस्तीफ़ा दे सकते हैं। अगर वो इस्तीफ़ा देते हैं तो आज बजट पास नहीं हो पाएगा और सरकार के सामने संवैधानिक संकट उत्पन्न हो सकता है।
प्रदेश में सियासी संकट गहराया
कुछ देर पहले ही प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्व सीएम जयराम ठाकुर सहित 14 विधायकों को सदन से निलंबित भी कर दिया। बता दें कि राज्यसभा चुनाव में 9 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। कांग्रेस के 6 और 3 निर्दलीय विधायकों ने भाजपा उम्मीदवार को वोट दिया और इसके बाद कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी ये चुनाव हार गए। इस घटनाक्रम के बाद राज्य में राजनीतिक उथल पुथल शुरु हुई। पहले प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफ़ा दिया और अब सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस्तीफ़े की ख़बर आई है। इसी के साथ प्रदेश की कांग्रेस सरकार के रहने, न रहने को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं।