भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि उनकी सरकार पटवारियों की नियुक्ति में ‘अनियमितताओं’ की जांच कराएगी और जो भी इसमें शामिल पाया जाएगा, उसे दंडित किया जाएगा। मुख्यमंत्री का बयान पटवारी भर्ती परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति की घोषणा के एक हफ्ते बाद आया है। सीएम शिवराज ने कहा, ”पटवारी भर्ती परीक्षा में थोड़ा संदेह हुआ तो मैंने तय किया कि नियुक्ति नहीं होगी, जांच होगी।”
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि यदि कोई “अनियमितता” पाई गई तो वह इसमें शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि, “अगर कोई गलती पाई जाती है, तो मामा दोषियों को सही कर देंगे।”
अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने जांच की घोषणा कर दी है। पटवारी भर्ती परीक्षा की जांच के लिये हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज राजेन्द्र कुमार वर्मा को नियुक्त किया गया है। सोशल मीडिया पर लिखते हुए सीएम ने अपडेट दिया कि, “कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से आयोजित ग्रुप-2 , सब ग्रुप-4 और पटवारी भर्ती परीक्षा की जांच के लिये माननीय उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधिपति श्री राजेन्द्र कुमार वर्मा को नियुक्त किया गया है। जांच में उक्त परीक्षा से संबंधित शिकायतों एवं जांच के दौरान उद्भूत अन्य प्रासंगिक बिंदुओं पर भी जांच की जायेगी। जांच के निष्कर्षों के आधार पर यथोचित अनुशंसायें 31 अगस्त 2023 तक राज्य शासन को प्रस्तुत होंगी।”
इस मामले को सामने आए एक सप्ताह से अधिक हो गया है। विवाद तब बढ़ा, जब दस में से सात टॉपर भाजपा विधायक संजीव कुशवाह के स्वामित्व वाले ग्वालियर स्थित एनआरआई कॉलेज से थे। 15 मार्च से 26 अप्रैल के बीच आयोजित परीक्षा में लगभग 14 लाख छात्र-छात्राएं बैठे थे। परीक्षा का परिणाम 30 जून को घोषित किया गया था।