सचिन पायलट ने मैदान में दिखाना शुरू की ताकत तो गोविन्द सिंह डोटासरा ने ये क्या कहा? किसान सम्मेलन का कांग्रेस पार्टी से नहीं संबंध!

जयपुर: पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट इन दिनों राजस्थान के कई जिलों में किसान सम्मेलनों का आयोजन कर रहे हैं। किसान सम्मेलनों के नाम पर एक के बाद एक जिलों के दौरे कर रहे हैं। इस दौरान पायलट के कट्टर समर्थक एआईसीसी सचिव कुलदीप इंदौरा, राज्य जीव जन्तु बोर्ड के अध्यक्ष केसी बिश्रोई, मंत्री हेमाराम चौधरी, खिलाड़ीलाल बैरवा, मुकेश भाकर और रामनिवास गावड़िया सहित संगठन के कुछ अन्य पदाधिकारी उनके साथ हैं। नागौर के परबतसर, हनुमानगढ़ के पीलीबंगा और झुंझुनूं के गुढ़ा में सचिन पायलट की ओर से किसान सम्मेलनों का आयोजन हो चुका जहां हजारों की संख्या में लोग पायलट को सुनने के लिए आए। सचिन पायलट ताबड़तोड़ सभाएं कर रहे हैं जबकि ये कार्यक्रम कांग्रेस का ना होकर सचिन पायलट के व्यक्तिगत कार्यक्रम हैं। मंगलवार 17 जनवरी को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि ये कांग्रेस के अधिकृत कार्यक्रम नहीं हैं। संगठन की ओर से उन्हें कोई कार्यक्रम नहीं दिए गए हैं और संगठन को इसकी जानकारी भी नहीं है।

सचिन पायलट की ओर से किए जाने वाले किसान सम्मेलनों की चर्चा पूरे प्रदेश में है। किसान सम्मेलनों में जुटने वाली भीड़ के नजारे सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं खबरें अखबारों की सुर्खियां बन रही है। इसके बावजूद प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा कहते हैं कि संगठन को इन कार्यक्रमों की जानकारी ही नहीं है। सवाल यह उठता है कि कांग्रेस को इनकी जानकारी नहीं है या सब कुछ जानते हुए भी अनजान बन रहे हैं। पायलट ने राहुल गांधी से मुलाकात के तुरंत बाद किसान सम्मेलनों की शुरूआत की। ऐसे में जाहिर है कि राहुल गांधी से अनुमति लेने के बाद ही सचिन पायलट ने किसान सम्मेलनों के प्रोग्राम बनाए होंगे। ऐसे में संगठन के किसी भी बड़े पदाधिकारी का किसान सम्मेलनों को लेकर कोई बयान नहीं आ रहे हैं या यूं कहें कि बयान देने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। कांग्रेस आलाकमान का मूड भांपते हुए अशोक गहलोत ने भी पायलट के कार्यक्रमों पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। गहलोत ने पायलट के बयान का पलटवार जरूर किया लेकिन किसान सम्मेलनों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

किसान सम्मेलन में सरकार को निशाने पर ले रहे पायलट

किसान सम्मेलनों के जरिए सचिन पायलट और उनके समर्थक नेता इशारों की इशारों में सरकार पर निशाना साध रहे हैं। परबतसर में हुए किसान सम्मेलन में सचिन पायलट ने पेपर लीक माफियाओं को संरक्षण देने वालों पर शिकंजा कसने का बयान दिया था। उन्होंने कहा कि केवल छोटी मछलियों को पकड़ने से पेपर लीक माफियाओं पर लगाम नहीं लगाई जा सकती है। जब तक माफियाओं के आकाओं को यानी उन्हें संरक्षण देने वाले नेताओं और अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी तब तक इन घटनाओं को रोकना मुश्किल है। इसी सम्मेलन में मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि सचिन पायलट कांग्रेस के संघर्षशील और युवा नेता हैं। वे क्षमतावान युवाओं को नेतृत्व देने की पहल करते हैं। चौधरी ने यह भी कहा कि जब तक हम 70 80 साल की आयु के नेता चुनावों में टिकट के लिए डटे रहेंगे तो युवाओं को मौका कैसे मिलेगा। कई युवा नेता धक्के देकर हमें इग्नोर करेंगे, इससे अच्छा है कि उन्हें मौका दिया जाए। चौधरी ने यह बयान अशोक गहलोत को निशाने पर लेते हुए दिया। सचिन पायलट समर्थकों को पता है कि किसान सम्मेलन कांग्रेस संगठन के प्रस्तावित कार्यक्रम नहीं है लेकिन पायलट के प्रति वफादारी के चलते कई नेता इन सम्मेलनों में हिस्सा ले रहे हैं।

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