भोपाल : इंदौर नगर निगम घोटाला मामले की जाँच पुलिस कर रही है। अब तक 7 आरोपियों की गिरफ़्तारी हो चुकी है। बाकी की तलाश जारी है। फरार आरोपी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अभय राठौर पर पुलिस ने इनाम राशि को बढ़ाकर 25 हजार रुपए कर दिया है। इससे पहले राठौर समेत अन्य 3 पर भी 10-10 हजार रुपए की इनाम राशि घोषित की गई थी। एग्जीक्यूटिव इंजीनियर पर स्वीकृत फ़ाइलों में गड़बड़ी करने का आरोप का है।
अभय राठौर ऐसे करता था स्वीकृत फ़ाइलों में फर्जीवाड़ा
इंदौर नगर निगम में फर्जी बिल लगाकर 28 करोड़ रुपए का घोटाला किया है। मामले में गिरफ्तार आरोपी राजकुमार सालवी ने जांच के दौरान पुलिस को बताया कि अभय राठौर स्वीकृत फ़ाइलों के वर्क ऑर्डर को बदल देता था। लाखों की राशि को करोड़ों में बदल देता था। फिर चेक बनवा कर फर्जीवाड़े को अंजाम देता था। कर्मचारी मुरलीघरन की मदद से इन फर्जी फ़ाइलों को ऑडिट ब्रांच में जमा करवा देता था। पुलिस ने ऐसी 35 से अधिक फ़ाइलें जब्त की है। पुलिस ने गुलाब बाग, पवनपुरी, और वार्ड-32 में राठौर की संपत्ति ढूँढी है।
आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस टीम गठित
स्कैम से संबंधित 4 मामले दर्ज किए गए हैं। जांच कर लिए एमजी रोड, ग्वालटोली, बाणगंगा, हीरानगर और पुलिस लाइन के पुलिसकर्मियों की टीम गठित की गई है। छापेमारी, विवेचना कार्य, बैंक खाते और डेटा विश्लेषण की जिम्मेदार अलग-अलग टीमों को सौंपी गई है। इसके अलावा पुलिस आरोपियों के पोस्टर कालोनी, बस अड्डों और रेलवे स्टेशन पर चस्पा करने की तैयारी में जुटी है।
7 आरोपी गिरफ्तार, 4 अभी तक फरार
हालिया सुनवाई के दौरान पुलिस ने साथ आरोपियों को कोर्ट में पेश किया था। आरोपी ठेकेदार मो साजिद, रेनू वडेरा, मो जाकिर, राहुल वडेरा, सब इंजीनियर उदय सिसौदिया, कंप्यूटर ऑपरेटर चेतन भदौरिया और क्लर्क राजकुमार साल्वी को कोर्ट में पेश किया था। मो जाकिर, राहुल वडेरा और राजकुमार साल्वी अभी रिमांड में हैं। बाकी चार आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। वहीं ठेकेदार इमरान खान, मौसम व्यास, मो सिद्धकी और अभय राठौर अभी भी फरार हैं।