MP में भाजपा एक-दो दिन में महापौर पद के प्रत्याशियों की घोषणा कर सकती है। सत्ताधारी दल होने से यहां टिकट चाहने वाले भी ज्यादा हैं। सागर में 14 ने मेयर पद के टिकट के लिए दावा ठोंक दिया है। भोपाल में पूर्व पार्षद मालती राय को टिकट दिलाने के लिए विधायक, मंत्री, पूर्व महापौर सब एक हो गए हैं। इंदौर में पेंच फंसा है क्योंकि सबसे बड़े दावेदार रमेश मेंदोला को प्रत्याशी चयन की संभागीय समिति में सदस्य बनाया गया है। ग्वालियर से पूर्व मंत्री माया सिंह को प्रबल दावेदार माना जा रहा है। जबलपुर में दो पूर्व पार्षदों कमलेश अग्रवाल व श्रीराम शुक्ला की दावेदारी मजबूत बताई गई है।
बीजेपी सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने तय किया है कि हर सीट के लिए तीन-तीन नामों का पैनल बनेगा। यह जिम्मेदारी प्रत्याशी चयन के लिए बनाई गई संभागीय समिति को दी है। वे आए नामों की छंटनी करेंगे और तीन-तीन नाम बताएंगे। महापौर के टिकटों को अंतिम रूप देने के लिए होने वाली भाजपा कोर कमेटी और चुनाव प्रबंध समिति बैठक 11 या 12 जून को होगी। 16 नगर निगमों के महापौर पद का टिकट पाने के लिए बीजेपी के पास 152 आवेदन आए हैं। सबसे ज्यादा सागर से 14 हैं। यहां तीन मंत्री अपने-अपने समर्थक को टिकट दिलाना चाहते हैं। सागर के अलावा भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, जैसे शहरों से 10-10 से अधिक आवेदन आए हैं।
राजधानी में महापौर उम्मीदवार का चयन मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और मंत्रियों के बीच सहमति से होगा। पार्टी गोविंदपुरा विधायक कृष्णा गौर को फिर से महापौर चुनाव लड़ा सकती है। सूत्रों के मुताबिक मंत्री विश्वास सारंग, विधायक रामेश्वर शर्मा और पूर्व महापौर उमाशंकर गुप्ता चाहते हैं कि अशोका गार्डन से पूर्व पार्षद मालती राय को टिकट दिया जाए, जबकि पूर्व पार्षद राजो मालवीय का नाम भी चल रहा है। राजो 1999 में महापौर का चुनाव हार चुकी हैं। 90 के दशक से संघ परिवार और भाजपा में सक्रिय हैं। भाजपा में टिकट का क्राइटेरिया जानने के लिए यहां क्लिक करें…
इंदौर: ब्राह्मण सधे, सब सधे पर ही फोकस
इंदौर से कांग्रेस ने विधायक संजय शुक्ला को उतारकर भाजपा के सामने चुनौती खड़ी कर दी है। संभागीय चयन समिति में विधायक रमेश मेंदोला, वरिष्ठ नेता मधु वर्मा और प्रदेश अध्यक्ष जीतू जिराती के होने से समीकरण बिगड़ गया है। अब युवा चेहरा और ब्राह्मण वोट बैंक साधने के लिए डॉ. निशांत खरे, उमेश शर्मा और पुष्यमित्र भार्गव का नाम चर्चा में है। डॉ. निशांत खरे को संघ का समर्थन है। कोरोना काल के 2 साल में उनका नाम चर्चा में आया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोरोना की दूसरी लहर के बाद हुए कार्यक्रम में डॉक्टर खरे की तारीफ कर चुके हैं। प्रदेश प्रवक्ता उमेश शर्मा लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं और वे गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के नजदीकी हैं। उनका नाम नगर अध्यक्ष पद के लिए भी था, लेकिन ऐन वक्त पर गौरव रणदिवे बाजी मार गए। युवा चेहरे में पुष्यमित्र भार्गव का नाम भी आगे बढ़ा है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा उनके नाम पर सहमत हो सकते हैं। भार्गव अभी किसी पद पर नहीं हैं।
ग्वालियर : पूर्व मंत्री माया सिंह का दावा इसलिए मजबूत
ग्वालियर में पूर्व कैबिनेट मंत्री माया सिंह का नाम भी चर्चा में है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया व नरेंद्र सिंह तोमर से इनके बेहतर संबंध भी हैं। हालांकि पूर्व कैबिनेट मंत्री की बढ़ती उम्र टिकट बंटवारे में आड़े आ सकती है। माया सिंह के अलावा महिला मोर्चा प्रदेश मंत्री खुशबू गुप्ता का नाम तेजी से चल रहा है। यह दो बार से लगातार पार्षद और नगर निगम में दो बार एमआईसी सदस्य भी रह चुकी हैं। वहीं, वरिष्ठ नेत्री सुमन शर्मा दावेदारी कर रही हैं। यह वरिष्ठ भाजपा नेता रहे डॉ. धर्मवीर शर्मा की बहू हैं।
जबलपुर : दो पूर्व MIC सदस्यों के बीच फंसेगा टिकट
जबलपुर से तीन दावेदार पूर्व एमआईआई सदस्य कमलेश अग्रवाल व श्रीराम शुकला के अलावा पूर्व ग्रामीण अध्यक्ष आशीष दुबे का नाम चर्चा में हैं। पार्टी सूत्रों की माने तो महापौर का टिकट अग्रवाल व शुक्ला के बीच फंस सकता है। शुक्ला स्थानीय सांसद राकेश सिंह के करीबी हैं, जबकि अग्रवाल संगठन की पसंद। पार्टी अब यह आलकन कर रही है कि कांग्रेस उम्मीदवार जगत बहादुर अन्नू के मुलाबले दोनों में से कौन ज्यादा ताकतवर है।
उज्जैन : मंत्री-सांसद ने लगाया वीटो, पूर्व सांसद भी दावेदार
उज्जैन नगर निगम में बीजेपी कदम फूंक-फूंक कर रख रही है। यहां से सांसद अनिल फिरोजिया ने मुकेश टटवाल का नाम दिया है। सूत्रों की मानें तो फिरोजिया ने टटवाल को टिकट देने की पैरवी मुख्यमंत्री से भी की है, जबकि उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने डॉ. प्रभुराम जाटव का नाम आगे बढ़ाया है। हालांकि पूर्व सांसद चिंतामणि मालवीय भी दावेदार माने जा रहे हैं।
देवास : पैलेस ने जिसे हरी झंडी दी, उसका टिकट फाइनल
महापौर के लिए पूजा रवि जैन, रीता विमल शर्मा, गीता अग्रवाल, पूर्णिमा खंडेलवाल के नाम चल रहे हैं। ये तीनों नाम विधायक गायत्री पवार समर्थक हैं। पैलेस के करीबी माने जाते हैं। रवि जैन कारोबारी और विधायक के प्रतिनिधि हैं। पत्नी के लिए टिकट मांग रहे हैं। रीता शर्मा पूर्व महापौर सुभाष शर्मा की बहू है। गीता अग्रवाल भी पैलेस समर्थक है, जबकि पूर्णिमा खंडेलवाल भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव खंडेलवाल की पत्नी है।
सागर: दो मंत्रियों बीच खींचतान में फंस सकता है पेंच
सागर में महापौर पद के उम्मीदवार का चयन भी टेढ़ी खीर है। यहां से तीन मंत्री हैं, जिसमें से दो गोपाल भार्गव व भूपेंद्र सिंह ने अपने-अपने समर्थकों का नाम आगे बढ़ाया है। प्रतिभा डॉ. अनिल तिवारी भारतीय स्त्री शक्ति की जिला संयोजक हैं। वे करीब दो दशक से भाजपा में हैं। इनके पति पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव के समर्थक हैं। इसी तरह संगीता डॉ. सुशील तिवारी की दावेदारी भी मजबूत है। उनके पति सुशील तिवारी नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह का समर्थक माना जाता है। दावेदारों में ऋतु श्याम तिवारी का नाम भी है। उनके पति श्याम तिवारी भाजपा के सक्रिय नेता हैं। संघ और पार्टी की गतिविधियों में लगातार सक्रिय रहते हैं। इसके अलावा संगीता मुकेश जैन ढाना और संध्या भार्गव ने भी अपनी दावेदारी पेश की है।
रीवा : पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला के करीबी व्यंकटेश पांडे रेस में आगे
यहां से सीनियर लीडर व्यंकटेश पांडे महापौर की टिकट की रेस में आगे है। पांडे के लिए पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला लॉबिंग कर रहे हैं। इसी तरह विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के करीबी संजय द्विवेदी और पूर्व सांसद स्वर्गीय चंद्रमणि त्रिपाठी की बेटी प्रज्ञा त्रिपाठी भी दावेदार हैं।
मुरैना: विधायक कमलेश जाटव की पत्नी दावेदार
विधायक कमलेश जाटव की पत्नी आरती जाटव ने महापौर पद के लिए दावेदारी पेश कर दी है। इसी तरह सीनियर लीडर माधव जाटव ने अपनी पत्नी अनिता जाटव के लिए टिकट मांगा हैं। लेकिन यहां सिंधिया और तोमर फैक्टर तो नया चेहरा भी सामने आ सकता है।
सतना: पूर्व नगर निगम अध्यक्ष अनिल जायसवाल का दावा मजबूत
सतना से पूर्व नगर निगम अध्यक्ष अनिल जायसवाल ने दावेदारी पेश की है। जबकि पिछड़ा वर्ग आयोग की पूर्व सदस्य लक्ष्मी यादव के अलावा संगठन से योगेश ताम्रकर का नाम सामने आया है। चूंकि यहां से कांग्रेस ने विधायक सिद्धार्थ कुश्वाहा को मैदान में उतारा है, ऐसे में बीजेपी के लिए चुनौती बड़ी है।
खंडवा: ममता बोरसे टिकट की रेस में आगे
यहां से प्रदेश महिला मोर्चा उपाध्यक्ष ममता बोरसे टिकट की रेस में सबसे आगे है। उन्हें नंद कुमार की करीबी माना जाता रहा है। जबकि विधायक देवेंद्र वर्मा अपने करीबी कैलाश राठौर की पत्नी सीमा राठौर को उम्मीदवार बनाना चाहते हैं। इसी तरह गुर्जर समाज चाहता है कि डा. प्रीति गुर्जर को टिकट दिया जाए।
कटनी: पूर्व राज्यपाल की बेटी ने पेश की दावेदारी
कटनी से राजस्थान के पूर्व राज्यपाल निर्मल चंद जैन की बेटी अलका जैन ने दावेदारी पेश की है। जबकि संघ से जुड़े दीपक टंडन की पत्नी शिल्पी की दावेदारी मजबूत है। यहां से प्रीति संजीव सूरी और पूर्व सुभद्रा सोनी के नाम भी चर्चा में है।
सिंगरौली: शिवेंद्र सिंह बहादुर को लेकर घमासान
महापौर के लिए बीजेपी शिवेन्द्र बहादुर सिंह काे बड़ा दावेदार बताया जा रहा है। इसके अलावा गिरीश द्विवेदी और दिग्गज नेता रामचरित के बेटे अंगद वर्मा ने भी दावेदारी की है।
रतलाम :पूर्व नगर निगम अध्यक्ष और पिछड़ा मोर्चा के बीच घमासान
महापौर के लिए बीजेपी से पूर्व निगम अध्यक्ष अशोक पोरवाल, पूर्व पार्षद प्रहलाद पटेल, बीजेपी पिछड़ा मोर्चा अध्यक्ष दिनेश राठौर को लेकर खींचतान है।
बुरहानपुर: मीना पाटीदार व माधुरी पटेल दावेदार
यहां से महापौर के लिए पूर्व महापौर माधुरी पटेल और मीना रमेश पाटीदार दो दावेदार उभरकर सामने आए हैं। यहां से पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस जिसकी पैरवी करेंगी, उसका दावा मजबूत माना चाएगा।
छिंदवाड़ा : सुनील परतोती का दावा मजबूत
यहां महापौर उम्मीदवार के नाम पर सहमति नही बना पाई है। लेकिन युवा कार्यकर्ता सुनील परतोती का दावा मजबूत माना जा रहा है। उन्हें जिला अध्यक्ष विवेक बंटी साहू का समर्थन मिला है। वही पूर्व मंत्री चौधरी चंद्रभान सिंह छिंदवाड़ा निगम उपायुक्त अनंत धुर्वे और मजिस्ट्रेट प्रकाश उईके के लिए लॉबिंग कर रहे है।