केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन की सियासी लॉन्चिंग हो गई है। माहार्यमन को ग्वालियर डिवीजन क्रिकेट एसोसिएशन (GDCA) का उपाध्यक्ष बनाया गया है। महार्यमन की नियुक्ति पीएम मोदी से मुलाकात के बाद हुई है। दरअसल, पिछले हफ्ते ही उन्होंने प्रधानमंत्री से मुलाकात हुई की थी, जिसके बाद आशीर्वाद स्वरूप उन्हें GDCA का कमान दिया गया।
राज्य क्रिकेट संघ ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि 27 मार्च को GDCA की वार्षिक आम सभा हुई थी। संघ के संरक्षक ज्योतिरादित्य सिंधिया पदाधिकारियों से बातचीत के बाद नई कार्यकारिणी का गठन किया है। अध्यक्ष पद के लिए पूर्व आईएएस अधिकारी प्रशांत मेहता को चुना गया है। साथ ही नई पीढ़ी के युवा चेहरे के रूप में महाआर्यन को उपाध्यक्ष पद पर जगह दी जा रही है।
महाआर्यमन का किसी भी संस्था, संगठन में यह पहला पद है। इसके साथ ही उनके सार्वजनिक जीवन की शुरुआत हो गई है। कयास लगाए जा रहे हैं जल्द ही वह राजनीति में भी एंट्री कर सकते हैं। बताया जाता है की सिंधिया उन्हें अपने पारंपरिक सीट गुना संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ाना चाहते है। सिंधिया स्वयं राज्यसभा सांसद हैं और लोकसभा चुनाव के दो साल बाद तक उनका कार्यकाल रहेगा। बीते हफ्ते पीएम मोदी जब सिंधिया के घर गए थे तो आर्यमन उनके पास खड़े दिखे थे।
युवा कांग्रेस ने आर्यमन की नियुक्ति पर सवाल खड़े किए हैं। एमपी यूथ कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी ने पूछा कि आर्यमन की योग्यता क्या है, जिसके आधार पर उन्हें GDCA उपाध्यक्ष बनाया गया। वे सिंधिया के बेटे हैं इसके अलावा भी कोई काबिलियत है क्या? जय शाह जैसा मामला इधर भी है। यह ग्वालियर संभाग के लाखों युवाओं के साथ छलावा है। योग्य युवाओं को क्रिकेट संगठनों में जिम्मेदारी मिलनी चाहिए।