नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर सुनवाई के दौरान भारत के सॉलिसिटर जनरल एसजी मेहता ने कहा कि सेबी जांच के लिए और टाइम चाहती है। मेहता ने कहा कि सेबी को कम से कम 6 महीने का समय और चाहिए। इस पर कोर्ट ने कहा कि 6 महीने तो नहीं मिल सकते है, तीन महीने और ले लीजिए और जल्द से जल्द जांच पूरी करिए। सीजेआई ने कहा कि सेबी 15 अगस्त 2023 तक अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच पूरी करे। अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने अडानी ग्रुप पर जांच के लिए एक 6 सदस्यीय विशेषज्ञ पैनल का गठन किया था। इस पैनल को दो महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था। पैनल ने 8 मई को सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद कवर में अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी थी। पैनल द्वारा कोर्ट में फाइल की गई रिपोर्ट आज चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के सामने पेश की गई।
अडानी ग्रुप पर ये लगे थे आरोप
अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी 2023 को अडानी समूह के खिलाफ अपनी रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि अडानी ग्रुप की कंपनियां 80 फीसदी ओवरवैल्यूड हैं। साथ ही आरोप लगाया गया था कि ग्रुप हेरफेर करके शेयरों के दाम बढ़ाता है। रिपोर्ट में अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। इसके बाद भारी हंगामा मच गया था। अडानी ग्रुप के शेयर लगातार गिरते रहे। दूसरी तरफ सड़क से संसद तक अडानी-हिंडनबर्ग मामले को लेकर हंगामा शुरू हो गया। फिर यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।
सेबी ने मांगा था 6 महीने का समय
इससे पहले कोर्ट ने सेबी को आदेश दिया था कि वह अडानी समूह पर लगाए गए आरोपों की जांच करे। अडानी मामले में जांच कर रही सेबी ने अतिरिक्त समय की मांग की थी। 29 अप्रैल को सेबी ने अडानी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच पूरी करने के लिए छह महीने का अतिरिक्त समय मांगा था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सेबी से दो महीने के भीतर ही जांच पूरी करने को कहा था। सेबी की ओर से 6 महीने का अतिरिक्त समय मांगे जाने का विरोध भी हुआ था। सेबी के 6 महीने की मोहलत मांगने के विरोध में याचिका दाखिल की गई। याचिका में कहा गया कि जांच के लिए अतिरिक्त समय देने से कंपनी महत्वपूर्ण आकड़ों और फैक्ट्स के साथ छेड़छाड़ हो सकती है। गौरतलब है कि कोर्ट ने पैनल और सेबी दोनों को दो महीने का वक्त दिया था।