नई दिल्ली : भाजपा के वरिष्ठ नेता सैयद शाहनवाज हुसैन को आज सोमवार को देश की शीर्ष अदालत ने तगड़ा झटका दिया है, सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें 2018 के कथित दुष्कर्म मामले में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा गया था।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस एस रविन्द्र भट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने शाहनवाज हुसैन की तरफ से पेश वकीलों से कहा कि निष्पक्ष जांच होने दीजिये यदि कुछ गलत नहीं होगा तो आपको बरी कर देंगे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन की तरफ से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लूथरा ने दलीलें पेश करते हुए कहा महिला ने हुसैन के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज कराई, शिकायतों की जांच में पुलिस को कुछ नहीं मिला, इसलिए यह मामला आगे और नहीं बढ़ सकता है।
ये है पूरा मामला
जून 2018 में एक महिला ने भाजपा नेता सैयद शाहनवाज हुसैन के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराने के लिए दिल्ली की निचली अदालत में गई थी, हालाँकि शाहनवाज हुसैन ने उनके ऊपर लगे आरोपों से इंकार किया था लेकिन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने जुलाई 2018 में हुसैन के खिलाफ रेप की एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे, भाजपा नेता ने सेशंस कोर्ट में इसे चुनौती दी लेकिन वहां से याचिका ख़ारिज हो गई जिसके बाद वे हाईकोर्ट गए वहां भी उन्हें निराशा हाथ लगी और आज सुप्रीम कोर्ट ने शाहनवाज हुसैन की याचिका को ख़ारिज कर दिया, अब उनके खिलाफ पुलिस रेप का मामला दर्ज करेगी।