नई दिल्ली : 1 अप्रैल से पैसों से जुड़े कई नियम बदलने वाले हैं। इस लिस्ट में अब यूपीआई यानि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस भी शामिल हो चुका है। ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में इसका इस्तेमाल वर्तमान में हो रहा है। लेकिन यूजर्स को झटका देते हुए नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया में एक्स्ट्रा चार्जेस से संबंधित एक सर्कुलर जारी किया है।
1 अप्रैल से यूपीआई पेमेंट करना और भी महंगा हो हो जाएगा। अब यूजर्स को फोनपे, जीपे और पेटीएम से पेमेंट करने पर चार्ज देना होगा। सर्कुलर में प्लेटफ़ॉर्म से मर्चेन्ट ट्रांजैक्शन पर फीस लगाने का सुझाव दिया गया है। अगले महीने से मर्चेन्ट के साथ होने वाली लेन-देन पर एक्स्ट्रा चार्ज का भुगतान करना होगा। ये सरचार्जेस 0.5 फीसदी से लेकर 1.1 फीसदी तक हो सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक UPI के जरिए 2,000 रुपये से अधिक के पेमेंट पर 1.1 फीसदी प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट यानि PPI लगाने की सिफारिश की गई है। NPCI के मुताबिक 1 अप्रैल से नए लागू करने के बाद 30 सितंबर 2023 से पहले समीक्षा की जाएगी। साथ ही फ़ार्मिंग और टेलिकॉम सेक्टर से सबसे कम इंटरचेंज फीस लिया जाएगा। वहीं सबसे ज्यादा चार्ज व्यापारियों को पेमेंट करने वाले यूजर्स को देना पड़ेगा। वहीं बैंक अकाउंट और पीपीआई वॉलेट के बीच कोई भी एक्स्ट्रा चार्ज नहीं होगा।