सीतारमण पेश करेंगी अपना 5वां बजट, मध्यमवर्गीय, कृषि, रक्षा, छात्र सहित मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मिल सकता है बड़ा तोहफा, आयकर छूट समेत जानें 10 महत्वपूर्ण बातें…

नई दिल्ली : आत्मनिर्भर भारत की छवि को मजबूत करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण आज अपना पांचवां बजट पेश करेंगी। 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में सुबह 11:00 बजे पर बजट पेश करेंगी। इसमें अलग-अलग सेक्टर्स को बड़ा तोहफा मिल सकता है। इसके अलावा मेक इन इंडिया मुहिम को बढ़ाने के लिए घरेलू मनुफैक्चरिंग को भी बढ़ावा देने की तैयारी की गई है। बजट में आम आदमी को आयकर छूट के साथ कई अन्य बड़े तोहफे मिल सकते हैं।

दूसरे कार्यकाल का आखरी पूर्ण बजट निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जाएगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखरी पूर्ण बजट निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जाएगा। वही विशेषज्ञों की माने तो बजट 2023 24 में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कराधान व्यवस्था में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं किए जा सकते हैं। हालांकि बजट को 10 व्यापक सिद्धांत द्वारा निर्देशित किए जाने की संभावना है। जिसमें गरीबी उन्मूलन के अलावा स्वास्थ्य देखभाल सुविधा और विनिर्माण को बढ़ावा देने जैसी सुविधाओं को इसमें शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा आवास और पेयजल पर भी सरकार बड़े फैसले ले सकती है। किसान छात्रों के लिए सरकार द्वारा बड़ी घोषणा की जा सकती है। इससे पहले भारत को दुनिया में सबसे तेज गति में विकास करने वाली अर्थव्यवस्था बताते हुए साढ़े 6 फीसद की विकास दर का भी अनुमान लगाया गया है।

मीडिया रिपोर्ट के बारे तो 8 साल बाद एक बार फिर से इनकम टैक्स में छूट बढ़ाने की उम्मीद बढ़ गई है साथ ही मोबाइल सिलेंडर तक सस्ते होने की बात सामने आ रही है। वही आज पेश होने वाले बजट में महंगाई, बेरोजगारी सहित पुरानी पेंशन योजना, कर्मचारियों के महंगाई भत्ते सहित कई अन्य मुद्दे पर विपक्ष हमलावर हो सकता है। ऐसे विपक्ष के सवालों पर सरकार की क्या नीति रहेगी यह बजट में पता चलेगा।

महत्वपूर्ण उम्मीदें

इनकम टैक्स : 8 साल बाद सरकारी इनकम टैक्स में छूट के दायरे को बढ़ाने पर बड़ी घोषणा कर सकती है हालांकि विशेषज्ञों की राय माने तो इनकम टैक्स में किसी भी तरह की छूट में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं किए जाएंगे लेकिन आठ करोड़ से ज्यादा टैक्स पेयर को साधने की कोशिश में सरकार द्वारा यह घोषणा की जा सकती है बता दे कि 2014 में छूट की सीमा ढाई लाख की गई थी इसे 5 लाख किए जा सकते हैं। छूट बढ़ी तो लो और इनकम क्लास को राहत मिलेगी।

एक्सपोर्ट हब : इसके अलावा आत्मनिर्भर भारत मुहिम को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार के महत्वपूर्ण ऐलान कर सकती है। मेक इन इंडिया और वोकल फॉर लोकल पर सरकार अपना फोकस बढ़ा सकती है। जिससे आम आदमी और इकोनॉमी क्लास के लोगों को राहत मिलेगी। वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए जिला स्तर पर एक्सपोर्ट हब का ऐलान किया जा सकता है 4500 से 5000 करोड़ तक के फंड की भी घोषणा की जा सकती है।

महंगाई : गैस सिलेंडर के दामों को कम किया जा सकता है, दरअसल गैस सिलेंडर अभी 1100 रुपए तक पहुंच चुके है।उज्ज्वला योजना के तहत 9 करोड़ से अधिक लोगों को राहत पहुंचाने की तैयारी की जा रही है। वहीं उन्हें एक सिलेंडर पर ₹200 की सब्सिडी पिछले साल मई से दी जा रही है। इससे एक साल के लिए और बढ़ाया जा सकता है। जिससे आम आदमी को राहत मिल सकती है।

दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर का विस्तार : अचल संपत्ति, असूचीबद्ध शेयरों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर का विस्तार,

आयात कर में कटौती : अवैध शिपमेंट पर लगाम लगाने के लिए सोने पर आयात कर में 10% की कटौती करें

बैंकों के लिए उच्च पूंजी आवंटन, पूंजी जुटाने की अधिक स्वतंत्रता,

कम कीमत पर ईंधन बेचने पर मुआवजा : तेल खुदरा विक्रेताओं को बाजार मूल्य से कम कीमत पर ईंधन बेचने पर मुआवजा

ओडीओपी :  इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा ओडीओपी के तहत एक्सपोर्ट हब बनाने की तैयारी की जा सकती है। 50 जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसे शुरू किया जा सकता है। जिसके बाद इसे आगे चलकर 750 क्लस्टर तक बढ़ाया जा सकता है। इससे लॉजिस्टिक और मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी में तेजी आएगी। ODOP के तहत हर जिले में वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट के तहत इस कार्यशैली को अपनाने के लिए सरकार बड़ी घोषणा कर सकती है।

स्मार्ट फोन : मोबाइल फोन बनाने का इस्तेमाल किए जाने वाले आइटम पर इंपोर्ट और एक्सपोर्ट ड्यूटी घटने के बाद अप्रैल महीने से मोबाइल खरीदना सस्ता हो सकता है। मार्केट की मांग की माने तो मोबाइल पर जीएसटी 18% से घटाकर 12% करने की मांग की जा रही है। जीएसटी बढ़ने से 10000 वाली मोबाइल फोन की कीमत ₹11800 तक पहुंच गई है।

हेल्थ सेक्टर :इसके अलावा हेल्थ सेक्टर को भी सरकारी बड़ा तोहफा दे सकती है। विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना के बाद से वैक्सीन, टेक्नोलॉजी और रिसर्च और डेवलपमेंट को ज्यादा मजबूत करने की तैयारी की जा रही है। ऐसे में सरकार हेल्थ बजट में 20 से 30 फीसद की बढ़ोतरी कर सकती है बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय को पिछले साल 86200 करोड़ रुपए दिए गए थे।

एग्रीकल्चर सेक्टर : एग्रीकल्चर सेक्टर को ₹200000 मिलने के आसार है दरअसल पिछली बार 1.32 लाख करोड़ का बजट एग्रीकल्चर सेक्टर को दिया गया था वही नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए किसानों को इंसेंटिव के साथ ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए भी संगठन बनाने की घोषणा की जा सकती है वहीं पीएम किसान योजना की सम्मान निधि में भी बढ़ोतरी का ऐलान सरकार द्वारा किया जा सकता है किसानों को तीन किस्तों में ₹6000 सालाना उपलब्ध कराए जाते हैं।

रक्षा बजट: प्राथमिकता के आधार पर मेक इन इंडिया और टेक्नोलॉजी पर सरकार का फोकस है लेकिन विशेषज्ञों की माने तो रक्षा बजट का बढ़ना है। सीमा पर चीन से तनाव जारी है। वहीं पाकिस्तान से आए दिन ने मुठभेड़ के बीच रक्षा बजट में 10% की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। पिछले साल 5.25 लाख करोड़ रुपए रक्षा बजट के लिए दिए गए थे।

रेलवे : जबकि रेलवे पर भी सरकार द्वारा बजट में बढ़ोतरी की घोषणा की जा सकती है। सीनियर सिटीजन को रेल किराए में छूट देने बंद हो गए हैं। इस बार भी यह छूट नहीं दी जाएगी। रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने साफ कहा है कि इससे रेलवे पर बोझ बढ़ता है। हालांकि रेल बजट को बढ़ाया जा सकता है। कई राज्यों में रेल सेवा शुरू करने के साथ ही पूर्वोत्तर को बाकी राज्यों से जोड़ने के लिए भी रेल बजट को बढ़ाए जाने के साथ ही चार सौ वंदे मातरम ट्रेनें चलाई जाने की भी घोषणा की जा सकती है। इसके लिए ₹1800 करोड़ रुपए दिए जा सकते हैं।

मेक इन इंडिया मुहिम को तेज करने और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की तैयारी 

इसके साथ ही मेक इन इंडिया मुहिम को तेज करने और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए आयात को कम किया जाएगा और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 35 सामानों पर कस्टम ड्यूटी बनाने की तैयारी की जा रही है। इसमें प्राइवेट जेट के अलावा हेलीकॉप्टर, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, प्लास्टिक के सामान ज्वेलरी हार्टलेस पेपर और विटामिन जैसे आइटम शामिल रहेंगे। इससे पहले दिसंबर में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा कई मंत्रालय से आयातित गैर जरूरी सामानों की लिस्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए थे। जिस पर कस्टम ड्यूटी को बढ़ाया जा सकता है।

आयात शुल्क बढ़ाने के लिए भी तैयारी 

मेक इन इंडिया के लिए आयात शुल्क बढ़ाने के लिए भी तैयारी की जा रही है। 2014 में लांच किए गए मेक इन इंडिया कार्यक्रम को मजबूती देने सरकार सीमा शुल्क बढ़ाने का फैसला कर सकती है। दरअसल पिछले बजट में वित्त मंत्री द्वारा नकली ज्वेलरी, Ear phone जैसे के सामानों पर आया शुल्क बढ़ाए गए थे। इससे घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को मजबूत करने पर जोर दिया गया था। वही इंडिया प्रोडक्ट को लाभ मिल सकता है।

रत्न और आभूषण को सस्ता करने की तैयारी

इसके अलावा रत्न और आभूषण को सस्ता करने की तैयारी की जा रही है। दरअसल मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स और इंडस्ट्री द्वारा रत्न और आभूषण सेक्टर के लिए सोना और अन्य जरूरी सामान पर आयात शुल्क घटाने का सुझाव दिया गया है। इससे ज्वेलरी और दूसरे फर्निशिंग प्रोडक्ट के एक्सपोर्ट को बढ़ाने में मदद मिलेगी, पर आयात शुल्क को पिछले साल सरकार द्वारा 10.75 फीसद से बढ़ाकर 15 फीसद किया गया था।

इतिहास और रिकॉर्ड 

  • बता दें कि इस साल 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव है जबकि अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले मोदी सरकार द्वारा ही आखिरी फुल बजट पेश किया जा रहा है। इससे पहले 2019 में सीतारमण ने अपना पहला बजट पेश किया था। वही परंपराओं को तोड़ने के साथ ही ब्रीफकेस बजट की जगह लाल कपड़े में बजट दस्तावेज लेकर निर्मला सीतारमण संसद पहुंचे थे।
  • इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने रिकॉर्ड 2 घंटे 17 मिनट तक भाषण दिया था इससे पहले सबसे लंबे भाषण का रिकॉर्ड जसवंत सिंह के नाम था। जिन्होंने 2003 में 2 घंटे 15 मिनट तक भाषण दिया था। वही सीतारमण द्वारा भारतीय इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण का रिकॉर्ड अपने नाम किया गया है। हालांकि तबीयत बिगड़ने के बाद आखिरी दो पन्ने उन्होंने नहीं पढ़े थे।
  • इसके अलावा 2021 में निर्मला सीतारमण द्वारा तीसरा बजट पेश किया गया था। इस दौरान भी परंपराओं को तोड़ते हुए पहली बार पेपरलेस बजट का इस्तेमाल किया गया था। लाल रंग के टेबलेट लेकर सीतारमण संसद पहुंची थी। वही देश का पहला पेपरलेस बजट पेश करने का रिकॉर्ड भी निर्मला सीतारमण के पास है। इसके साथ ही देश के 3 राज्यों हिमाचल उड़ीसा और हरियाणा में भी पेपर लेस बजट पेश किया जा चुका है।

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