मध्य प्रदेश का एक मंत्री अपने मुख्यमंत्री का नाम ही भूल गया। कह दिया कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नहीं बल्कि ज्योतिरादित्य सिंधिया है। मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री और सांवेर विधायक तुलसीराम सिलावट सिंधिया समर्थक हैं और सिंधिया को ही मुख्यमंत्री मानकर चल रहे हैं। उनके बयानों से तो ऐसा ही लगता है।
दरअसल, वाकया सांवेर का है। सोमवार को यहां नर्मदा दल पहुंचा। इस मौके पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया था। विकास कार्यों का लोकार्पण भी हुआ। इसी कार्यक्रम में मंत्री तुलसी सिलावट की जुबां फिसली और उन्होंने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बता दिया। हालांकि, यह पहली बार नहीं है, इसके पहले भी वे सिंधिया को सीएम कहकर संबोधित कर चुके हैं। कुछ अन्य मामलों में भी जुबां फिसल चुकी है। सांवेर में कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में मंत्री सिलावट ने कहा कि नर्मदा आगमन के लिए सांवेर की जनता मप्र के मुख्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधियाजी को बहुत-बहुत धन्यवाद देती है। मंत्री को इस बात का पता ही नहीं चला कि वे क्या बोल गए हैं, वे कहकर आगे निकल गए लेकिन सियासी गलियारों में इसकी चर्चा शुरू हो गई।
पहले भी फिसली है मंत्री की जुबां
मंत्री सिलावट की जुबां इसके पहले भी फिसल चुकी है। दो साल पहले उन्होंने सांवेर में नर्मदा पेयजल योजना का भूमिपूजन करने के दौरान कहा था कि जब नर्मदा मैया सांवेर आएगी तब आपका बेटा सिलावट और सीएम ज्योतिरादित्य सिंधिया भी आएंगे। इसके पहले जुलाई 2020 में जब उप्र के गैंगस्टर विकास दुबे का एनकाउंटर हुआ था तब सिलावट का एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें वे कह रहे थे कि जो घटना घटी है, यह हमारे समाज के लिए एक प्रेरणा भी है। प्रधानमंत्री, मप्र के मुख्यमंत्री और यूपी के समाज के लिए कलंक हैं। बाद में उन्होंने इसे एडिटेड वीडियो बताया था।
बयान के बाद गर्माई सियासत
सिलावट की जुबां ऐसे वक्त फिसली है जब मप्र में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। सीएम शिवराज को बदलने की अटकलें चलती रहती है। पिछले दिनों गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और सीएम के बीच की दूरियां भी सामने आ चुकी है और सिंधिया का बयान भी आया कि अब मैं बुढ़ापे की ओर चल रहा हूं। अगले साल मप्र में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में सिलावट के सिंधिया को मुख्यमंत्री कहे जाने के मायने निकाले जाने लगे हैं। कांग्रेस इस पर चुटकी ले रही है।