सुरे के बादशाह कुमार सानू को कौन नहीं जानता। सिंगर ने कड़ी मेहनत से बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफलता हासिल की। लेकिन उनके लिए ये सफर आसान नहीं था। 20 अक्टूबर, 1957 को कोलकाता में जन्मे कुमार सानू के पिता पाशुपति भट्टाचार्य एक संगीतकार थे। सिंगर ने फिल्म ‘आंधियां’ के साथ कुमार सानू ने अपने करियर की शुरुआत की थी। लेकिन कुमार सानू को असली पहचना साल 1990 में आई फिल्म ‘आशिकी’ से मिली।
इस मूवी में कुमार सानू की तरफ से गाए गाने इतने हिट हुए कि सिंगर सफतला के शिखर पर पहुंच गए। इसके बात उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और 350 से भी ज्यादा फिल्मों में अपनी आवाज दी। कुमार सानू के गानों का जादू ऐसा है, जो भी सुनता है बस सुनता ही रह जाता है। आज हम आपको कुमार सानू के जीवन के उस किस्से के बारे में बताने जा रहे हैं, जब उन्होंने बंदूक की नोक पर गाना गाया था।
दरअसल एक बार सिंगर कुमार सानू ‘द कपिल शर्मा शो’ में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अपनी जिंदगी से जुड़ी कुछ बाते शेयर की थी। एक किस्सा सुनाते हुए कुमार सानू ने बताया कि ”एक बार मैं पटना में शो करने गया था। मैंने कुछ गाने गाए, जो लोगों को बहुत पसंद आए। इसके बाद मैंने देखा, कुछ लोग आगे AK47 राइफल लेकर बैठे हुए थे और जो भी गाना अच्छा लगता तो फायर करते। तंबू में 6-7 छेद पहले से हो चुके थे। यह सब नजर अंदाज करते हुए मैंने ‘मैं दुनिया भुला दूंगा गाना गाया’, और जैसे ही दूसरा गाने लगा तो वह बंदूक वाले आए, और बोले गाना किसने बंद किया। यह मेरा पसंदीदा गीत है। वह शराब के नशे में थे। उन्होंने मुझसे कहा सानू जी मेरे को यह गाना फिर से सुनाइए, आपको यह गीत हमारे लिए गाना ही पड़ेगा। इतना सुनने के बाद मैं डर गया, मैंने कहा भाई मैं आपके लिए दूसरा गीत गा रहा हूं।”