भोपाल : भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी कर्मचारियों का निर्वाह भत्ता बंद करने को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित मुख्य सचिव पत्र लिखा गया है, यह पत्र तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने लिखा है, संघ के अनुसार अभी तक तीन पत्र लिखकर यह मांग की जा चुकी है ताकि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगने की एक अच्छी पहल हो।
पत्र में की गई मांग
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है इस पत्र में निवेदन किया गया है कि प्रदेश में ऐसे अधिकारी,कर्मचारी जिन पर भ्रष्टाचार के मामले दर्ज है उन पर कार्रवाई तो की जाए साथ ही उन्हे दिए जाने वाले आधे वेतन भत्ते बंद किए जाए, ताकि ऐसे अधिकारी कर्मचारियों को निराकरण ना होने तक जीवन निर्वाह भत्ता रोकने पर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और शासन में शुचिता आएगी।
मुख्यमंत्री को लिखा गया पत्र
पत्र में मांग की गई है कि आए दिन भ्रष्टाचार के ऑडियो वीडियो आने व भ्रष्टाचार में लिप्त शासकीय सेवकों पर ई ओ डब्ल्यू,लोकायुक्त द्वारा मामला दर्ज कर कार्यवाही होने पर करोड़ों रुपए की संपत्ति मिलती है ऐसे अधिकारी कर्मचारियों को कार्यवाही के पश्चात निलंबित किया जाता है निलंबन के पश्चात जीवन निर्वाह भत्ता 3 महीने तक वेतन का 50% प्रतिशत एवं 3 महीने बाद 75% करने का प्रावधान है भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर आधा वेतन मिलने से इनको कोई फर्क नहीं पड़ता.
आए दिन समाचार पत्रों में सरकारी कर्मचारियों के भ्रष्टाचार में पकड़े जाने के समाचार प्राप्त होते हैं। भ्रष्टाचार के कारण आम जनता परेशान रहती है विभागों में भी जो कर्मचारी शिकायत होने पर पकड़े जाते हैं पकड़े जाने पर वेतन मिलने के कारण अन्य कर्मचारी फिर भी इन गतिविधियों में लगे रहते हैं इसको दृष्टिगत रखते हुए शासन की जैसी मंशा है ईमानदारी और पारदर्शी तरीके से जनता को सेवाएं मिले वह पूरी नहीं हो पाती लगातार भ्रष्टाचार के मामलों को दृष्टिगत रखते हुए निवेदन है जो भी अधिकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार में ट्रैप हो या अन्य भ्रष्टाचार के तरीकों में निलंबित हो ऐसे अधिकारी कर्मचारियों को निराकरण ना होने तक जीवन निर्वाह भत्ता हेतु किसी प्रकार की राशि ना दी जाए ऐसा होने से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और शासन में शुचिता आएगी।