एमपी में कर्नाटक फॉर्म्यूले से बीजेपी को मात देने की रणनीति, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बताया क्या है AI प्लान…

भोपालः कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी सरकार के खिलाफ एंटी-इन्कंबेंसी को हवा देकर कांग्रेस ने शानदार कामयाबी हासिल की। चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने इस बात का खास ध्यान रखा कि मतदाता धार्मिक आधार पर गोलबंद ना हों। पार्टी अब यही रणनीति मध्य प्रदेश में अपनाने की तैयारी कर रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दावा किया है कि उनकी पार्टी इस रणनीति के सहारे शिवराज सिंह चौहान सरकार को सत्ता से बाहर करने में कामयाब होगी।

मध्य प्रदेश में करीब पांच महीने बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं। कांग्रेस की एआई रणनीति का खुलासा करते हुए कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार की असफलताओं को सामने लाकर पार्टी एंटी इन्कंबेंसी पर जोर देगी। चुनाव अभियान के दौरान भावनात्मक मुद्दों को हवा देकर मतदाताओं के ध्रुवीकरण से बीजेपी को रोकना उसकी रणनीति का अहम हिस्सा होगा। कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश प्रशासनिक और आर्थिक रूप से बदहाल है। शिवराज सरकार अपने वादे पूरे करने में भी असफल रही है। कांग्रेस उसकी नाकामयाबियों के बारे में आम लोगों को बताएगी। साथ ही, गुड गवर्नेंस का विकल्प भी वोटर्स के सामने रखेगी।

कमलनाथ ने कहा कि एमपी के चुनाव राज्य के मुद्दों पर लड़ा जाएगा। उनकी पार्टी लोगों का ध्यान भटकाने की बीजेपी की कोशिशों को किसी हालत में सफल नहीं होने देगी। एमपी को आरएसएस की सबसे बड़ी प्रयोगशाला माना जाता है। कमलनाथ की मानें तो कांग्रेस इससे भी मुकाबले के लिए तैयार है। उनका कहना है कि आरएसएस-बीजेपी की मशीनरी से लड़ने के लिए कांग्रेस का संगठन पूरी तरह तैयार है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि पार्टी के नेताओं के बीच कोई मतभेद नहीं हैं। सभी एक साथ मिलकर बीजेपी को हराने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।

कर्नाटक में बीजेपी की हार कांग्रेस के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पार्टी मोदी रथ को रोकने में सफल रही। चुनावों के नतीजों से यह भी स्पष्ट हो गया कि राज्यों के चुनावों में बीजेपी के हिंदुत्व के एजेंडे की काट ढूंढना संभव है। एमपी में इस रणनीति को अमलीजामा पहनाने की जिम्मेदारी कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कंधों पर है। कमलनाथ ने दावा किया कि वे इसकी तैयारी में काफी पहले से जुटे हैं।

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