अक्सर हम मंदिर भगवान की पूजा करने के लिए जाते हैं लेकिन आपको ये जानकार विश्वास ही नहीं होगा कि एक ऐसा मंदिर भी है जहाँ भगवान की मूर्ति ही नहीं है. मध्य प्रदेश के मंदसौर में एक अनोखा मंदिर है जहां न भगवान की मूर्ति है, न पुजारी फिर भी यहां हजारों लोगों की श्रद्धा है. यहां मन्नत पूरी होने पर घड़ियां चढ़ाने की परंपरा है. खास बात यह है कि मंदिर में यह मंदिर जिले के चिरमोलिया में सड़क किनारे वट वृक्ष के नीचे बना हुआ है.
बता दें, गांव वाले और यहां पर आने वाले श्रद्धालु इसे सगस बावजी का मंदिर कहते हैं. सगस बावजी को शास्त्रों में यक्ष कहा गया है. बताया जाता है कि यहां पर यक्ष साकार रूप में दिखाई देते हैं. दावा है कि बावजी ने कई लोगों को साक्षात दर्शन दिए हैं. यहां तक कि रास्ता भटक गए लोगों को भी साथ ले जाकर रास्ता दिखाते हैं और उन्हें घर तक छोड़ कर आते हैं. कई लोगों ने यहां पर चमत्कार होते देखा है.
इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि अगर आपका समय खराब चल रहा है और आप यहां आकर घड़ी चढ़ाते हैं तो आपका समय ठीक हो जाएगा. हजारों लोग यहां मन्नत मांग चुके हैं और पूरी होने पर घड़ी चढ़ा चुके हैं. ये पूरा इलाका घड़ियों से पटा पड़ा है. हर साल हजारों घड़ियां नदी में बहा दी जाती हैं. वैसे तो यह मंदिर सैकड़ों साल पुराना है. पहले यहां सगस बावजी एक चबूतरे पर बैठते थे. लोगों ने अब यहां एक मंदिर बनवा दिया है.